इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की जीवनी का उपराष्ट्रपति ने किया विमोचन

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वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्शों पर उपदेश देने के लिये 10 बार विश्व भ्रमण किया

वर्ष 1966 में 70 वर्ष की आयु में उन्होंने ईश्वर के प्रति चेतना जागृत करते हुए खुशहाल जीवन, मन की शांति और सद्गुणों को विकसित करने का मानव समाज को अवसर प्रदान करने के लिये इस्कॉन की स्थापना की। इसके बाद 12 वर्ष की अल्प अवधि में उन्होंने दुनियाभर में 100 मंदिरों की स्थापना की, भगवतगीता एवं श्रीमद भगवतम पर आधारित 60 खंड भक्ति साहित की रचना की तथा वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्शो पर उपदेश देने के लिये 10 बार विश्व भ्रमण किया।

श्री दास ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण पुस्तक से श्रील प्रभुपाद की आध्यात्मिक दृष्टि एवं विचारों को देश और विदेश में प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। पुस्तक‘सिंग, डांस एंड प्रे’ देश में सभी प्रमुख पुस्तक भंडारों और एमेजन पर ऑनलाइन उपलब्ध है और इसका किंडल प्रारूप भी है।’’

-एजेंसी