आस्था और इतिहास का एक खूबसूरत संगम है वाणावर की गुफाएं

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कहा हैं ये वाणावर की गुफाएं

वाणावर की गुफाएं भारत के बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में स्थित है। वाणावर की पहाड़ियों पर स्थित यह गुफाएं भारत के प्राचीन इतिहास और संस्कृति का जीवंत प्रमाण है। यह गुफाएं तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनाई गई थी और अजीब संप्रदाय के बौद्ध भिक्षुओं के लिए आश्रय स्थल थी।

गुफाओं के पास है सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर

वाणावर की गुफाओं में एक शिव मंदिर भी स्थित है। जिसे सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर सातवीं शताब्दी में गुप्त काल के दौरान बनाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह बिहार के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। यह वाणावर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। सावन के महीने में इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। वैसे तो प्रत्येक दिन लोग यहां जल चढ़ाने आते हैं। लेकिन सावन के महीने में यहां का वातावरण ही कुछ और होता है।

वाणावर की गुफाओं की क्या-क्या विशेषताएं हैं

1. वाणावर की गुफाएं एक पहाड़ी पर स्थित है। इन गुफाओं में कुल सात गुफाएं हैं। इनमें से चार गुफाएं वाणावर पहाड़ियों पर और तीन गुफाएं नागार्जुन पहाड़ियों पर स्थित है।

2. इन गुफाओं की दीवारों पर बौद्ध धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण शिल्प और मूर्तियां हैं। इनमें से कुछ शिल्प और मूर्तियां इतनी सुंदर है कि वह आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध करती है।

3. इन गुफाओं में बुद्ध, बुद्धिसत्व और अन्य बौद्ध देवताओं की मूर्तियां है इनके अलावा इन गुफाओं में कई अन्य शिल्प भी है जिनमें पशुओं, पक्षियों और फूलों की मूर्तियां आदि शामिल है।

4. दिन पर दिन इन गुफाओं को और भी ज्यादा सुंदर और सुरक्षित बनाने के लिए सरकारी स्तर पर काम चल रहा है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एक पुलिस स्टेशन भी बनाया गया है।

5. यहां हर साल वाणावर महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में लोग बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लेते हैं। पहाड़ों पर चढ़ने में लोगों को आसानी हो इसके लिए रोपवे भी बनवाया जा रहा है लेकिन अभी इसमें काफी समय लग रहा है।

वाणावर की गुफाओं का महत्व

वाणावर की पहाड़ियों पर कुल सात गुफाएं है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यह गुफाएं प्राचीन इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। गुफाओं में मौजूद शिल्प और मूर्तियों से हमें बौद्ध धर्म के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान होती है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। यहां हर साल हजारों लोग इन गुफाओं को देखने और उनकी प्राचीन संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इन गुफाओं को हजारों साल पहले पहाड़ों को सावधानी से काटकर बनाया गया था। इन गुफाओं की दीवारें बहुत चिकनी है।

आपको बता दें, इन गुफाओं का निर्माण सम्राट अशोक के आदेश पर आजीवक संप्रदाय के बौद्ध भिक्षुओं के रहने के लिए करवाया गया था। गुफाओं के प्रवेश द्वार पर ही सम्राट अशोक के अभिलेख है। यह लेख ब्राह्मी लिपि में लिखे हुए हैं, जिसे गाइड पढ़कर पर्यटकों को विस्तार से बताते और समझाते हैं।

– एजेंसी