उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित होटलों और मकानों के ध्वस्तीकरण पर जारी गतिरोध के शांत होते ही प्रशासन ने होटल मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी है। दूसरी ओर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में जोशीमठ को लेकर कैबिनेट बैठक की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से व्यथित हैं।
अभी किसी के घर को तोड़ा नहीं जा रहा: मुख्यमंत्री धामी
जोशीमठ पर कैबिनेट मीटिंग के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “जो भी क्षेत्र प्रभावित हैं, वहां से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। अंतरिम राहत के रूप में डेढ़ लाख रुपए की सहायता देना कल से प्रारंभ कर दिया गया है। अभी किसी के घर को तोड़ा नहीं जा रहा है बल्कि केवल घर खाली कराया जा रहा है।” सीएम ने कहा कि वहां पर सर्वे करने वाली टीम काम कर रही है। वहां 60% से अधिक चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं। हम पुनर्वास की कार्रवाई पूरी तैयारी के साथ कर रहे हैं।
होटल मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने की कार्यवाही शुरू
जोशीमठ में प्रशासन ने मलारी इन होटल को तोड़ने की कार्यवाई शुरू की। सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डीपी कानूनगो ने जानकारी दी कि हम इमारत से गैर-संरचनात्मक चीजों को हटा रहे हैं। इसे ध्वस्त करने में 7-10 दिन का समय लगेगा और यांत्रिक विखंडन नामक तकनीक के माध्यम से किया जाएगा।
जोशीमठ में ध्वस्तीकरण टीम के सदस्यों ने गैस कटर लेकर होटलों के भीतर काम शुरू कर दिया है। प्रशासन ने होटल मलारी इन और माउंट व्यू की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है और वहां से प्रदर्शनकारियों को हटा दिया है। दोनों होटलों से काफी सामान हटा दिया गया है। शुक्रवार को खिड़की, दरवाजे, शटर को हटाया जा रहा है। प्रशासन ने दोनों होटलों को अपने कब्जे में ले लिया है। धवस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी।
नैनीताल हाईकोर्ट के सुझाव
रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को जोशीमठ में लगातार हो रहे भूस्खलन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. पीयूष रौतेला और डॉ. एमपीएस बिष्ट को सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति में शामिल करने का निर्देश दिया।
24 और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया
भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र में 37 नए मकानों में दरारें आ गईं हैं जबकि अब आज खतरनाक रूप से प्रभावित भवनों की संख्या 42 बढ़कर 128 हो गई है। अपर सचि-आपदा प्रबंधन आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि 24 और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। पर्यावरणविद रवि चोपड़ा का कहना है कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि जोशीमठ में आज हम जो कुछ देख रहे हैं, वह NTPC द्वारा किए गए टनलिंग अभ्यास का परिणाम है।
Compiled: up18 News