दिल्ली में नई शराब नीति को लेकर मचे घमासान के बीच शनिवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया से कहा कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी थी। नई शराब नीति में दुकानें समान रूप से बांटी गई थी। एलजी साहब ने मंजूरी के बाद अचानक अपना स्टैंड बदल दिया।
पुरानी शराब नीति से दुकानदारों को फायदा पहुंचा है। हमने एलजी के सभी सुझावों को माना था। नई एक्साइज पॉलिसी में कहा गया था कि पूरी दुकानों में बराबर शराब की दुकानें होंगी मगर दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएंगी। एलजी के पास दो बार यह पॉलिसी गई थी और उन्होंने बिना किसी ऐतराज के इसे पास किया। मगर नवंबर में जब दुकानें खोलने के प्रस्ताव भेजे गए, उन्होंने दो दिन पहले 15 नवंबर को नई शर्त लगा दी कि अनअथॉराइज्ड कॉलोनियों में एमसीडी और डीडीए की मंजूरी से दुकानें खोली जाएंगी जबकि उन्हें पता था कि मंजूरी एलजी ऑफिस से होने चाहिए। अचानक बिना सरकार से पूछे यह स्टैंड बदला गया, इस वजह से 300-350 दुकानें नहीं खुल पायीं। इससे लगातार नुकसान हुआ, वे कोर्ट गए और राजस्व हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।
इस फैसले से जिनकी दुकानें खुलीं उन्हें करोड़ों का फायदा हुआ, जो जानबूझकर किया गया। इस पूरे मामले को मैं सीबीआई के पास जांच के लिए भेज रहा हूं। इसमें किसकी भूमिका थी, इसकी जांच होनी चाहिए।
-एजेंसी
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