गाजा पट्टी खाली करने के आदेश पर यूएन की प्रतिक्रिया शर्मनाक: इजराइल

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यूएन का कहना है कि अगर ऐसा कोई आदेश दिया गया है तो इसे तुरंत रद्द करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो त्रासदी के हालात और भी भयावह हो जाएंगे.

इजराइली सेना के प्रतिनिधियों ने गाजा पट्टी में यूएन का नेतृत्व कर रहे लोगों को इस आदेश की जानकारी दी थी. उसके बाद यूएन की ये प्रतिक्रिया सामने आई है.

संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के दूत ने कहा कि इजराइल गाजा के लोगों को पहले से सावधान कर रहा था ताकि हमास से युद्ध के दौरान उन लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचे, जो बेकसूर हैं.

इजराइल के राजदूत ने कहा, ”पिछले कई साल से संयुक्त राष्ट्र हमास को और अधिक हथियारों से लैस करने की कोशिशों से आंखें मूंदे रहा है. उसने हमास की ओर से और आम नागरिकों और गाजा पट्टी पर होने वाले हमलों पर भी ध्यान नहीं दिया लेकिन अब वो इजराइल के साथ खड़ा होने के बजाय उसे नसीहत दे रहा है.”

इजराइली सेना ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि वादी गाजा में रहने वाले 11 लाख लोग अगले 24 घंटों में दक्षिणी गाजा चले जाएं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि 11 लाख लोगों की ये आबादी गाजा पट्टी की आबादी की लगभग आधी है.

इजराइली हमले से सबसे ज़्यादा प्रभावित घनी आबादी वाला गाजा शहर है. इजराइली सेना ने गाजा और यरुशलम के समय के मुताबिक़ ये चेतावनी आधी रात से पहले दी.

हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा है कि उसका मानना है कि इतने लोगों का दक्षिणी गाजा की ओर जाना इतना आसान नहीं होगा. इसमें लोग हमले के शिकार हो सकते हैं.

इजराइली सेना बोली, आम लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं

इजराइली सेना के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने कहा है कि गाजा पट्टी से एक इलाके को खाली करने का फैसला इसराइल का ‘मानवीय उपाय’ है.

एक्स पर पोस्ट किए गए ताज़ा वीडियो में उन्होंने कहा कि उनका मक़सद ज़िंदगियां बचाना है, ‘आम लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं.’

उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में हमले के दौरान सेना आम लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचाना चाहती है और वो अंतर्राष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष के क़ानूनों को लेकर प्रतिबद्ध है.

उन्होंने इलाक़े को ख़ाली करने पर कहा, “हम जानते हैं कि इसमें समय लगेगा और यह आसान प्रक्रिया नहीं है.”
इलाका खाली करने के आदेश से गाजा पट्टी की आधी आबादी तक़रीबन 11 लाख लोग प्रभावित होंगे.

Compiled: up18 News