शामली। टिकट नहीं मिलने से भाजपा कार्यकर्ता इतना दुःखी हुआ कि उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। बेटे की आत्महत्या के बाद मां का रो रो कर बुरा हाल है और बस वही कह रही है कि मेरा बेटा वापस लौटा दो। गौरतलब है कि शामली जनपद के कस्बा कांधला के रहने वाले दीपक सैनी भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते थे।
2017 के निकाय चुनाव में उन्होंने सभासद का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इसके बाद इस बार निकाय चुनाव में परिसीमन के चलते उनका वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया तो उन्होंने दूसरे वार्ड से लड़ने के लिए आवेदन किया। चेयरमैन पद के लिए भी अपना आवेदन किया था।
बताया जाता है कि दीपक सैनी को लगातार भरोसा मिलता रहा कि टिकट तुम्हारा ही होगा और उसे उम्मीद भी थी क्योंकि वह निवर्तमान सभासद है तो टिकट उसी को मिलेगा। बताया जाता है भाई इस बार कांधला नगर पालिका परिषद से चेयरमैन पद के लिए भी दावेदार था। इसके साथ ही वह वार्ड सभासद के लिए भी तैयारी कर रहा था।
बताया जाता है कि दीपक सैनी अपने घर पर पूजा पाठ करने की बात कह कर निकला था। जब दीपक मंदिर में मौजूद था तभी भारतीय जनता पार्टी की सूची जारी हो गई । उस सूची में अपना नाम नहीं पाकर दीपक इतना परेशान हुआ कि उसने जहरीला पदार्थ दुकान से खरीदा और उसे पानी मिलाकर पी गया।
बताया जाता है दीपक सैनी के इस कदम के बाद उसके परिजन उसे मेरठ में अस्पताल के लिए निकले भी लेकिन उसने दम तोड़ दिया। अपने बेटे की मौत के बाद उसकी मां के आंसू रुक नहीं रहे हैं। परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मां बिलख बिलख कर एक ही बात कह रही है कि हमें चेयरमैन और मेंबर ही नहीं चाहिए, बस मुझे मेरा बेटा वापस लौटा दो।
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