आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट: परिचालन के लिए बनाए जाएंगे दो रिसीविंग सब स्टेशन, बिजली का उत्पादन भी करेगी मेट्रो ट्रेन

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आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) द्वारा आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर के लिए दो कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। शुक्रवार को यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार द्वारा आईएसबीटी स्थित आरएसएस का शुभारंभ किया जा चुका है। रिसीविंग सब स्टेशन के माध्यम से ही मेट्रो ट्रेनों एवं स्टेशनों के परिचालन हेतु आवश्यक बिजली की सप्लाई मिलती है।

प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के अनुसार रिसीविंग सब स्टेशन मेट्रो परिचालन की एक अहम इकाई होती है, इसके माध्यम से ही संपूर्ण मेट्रो सिस्टम को बिजली की सप्लाई मिलती है, जिससे मेट्रो ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित होता है। एमडी सुशील कुमार ने बताया कि एल एंड टी कंपनी द्वारा रिसीविंग सब-स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति में यदि किसी एक आरएसएस से पावर सप्लाई बाधित होती है, तो स्वतः ही उस आरएसएस का भार दूसरे आरएसएस पर शिफ्ट हो जाता है।

आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर हेतु दो आरएसएस (रिसीविंग सब स्टेशन) का निर्माण किया जा रहा है। डिपो परिसर में पहली आरएसएस बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। फिलहाल, यहां मशीन एवं पैनल लगाने का काम किया जा रहा है। वहीं, दूसरे आरएसएस के लिए शुक्रवार को भूमि पूजन किया जा चुका है।

कैसे काम करता है रिसीविंग सब स्टेशन?

आगरा मेट्रो ट्रेन के संचालन हेतु सबसे पहले ग्रिड से 132 केवी की सप्लाई ली जाएगी। इसके बाद रिसीविंग सब स्टेशन में लगे स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 132 केवी की सप्लाई को 33 केवी में बदला जाएगा। इस चरण के बाद 33 केवी की सप्लाई को टीएसएस (ट्रेक्शन सब स्टेशन) में लगे ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 750 वोल्ट डीसी में बदलकर ट्रेन संचालन हेतु दिया जाएगा। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों में लगे एस्कलेटर्स, लाइटिंग, लिफ़्ट्स, एयर-कंडीशनिंग सिस्टम आदि सिस्टमों के संचालन हेतु 33 केवी की सप्लाई को 440 वोल्ट में परिवर्तित किया जाएगा।

थर्ड रेल प्रणाली पर चलेंगी आगरा मेट्रो

बता दें कि आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेंगी। इस प्रणाली में पारुंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाएगा। 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनें संचालन हेतु इसी थर्ड रेल का प्रयोग करेंगी। आगरा मेट्रो के 29.4 कि. मी. लंबे दोनो कॉरिडोर एवं डिपो परिसर में थर्ड बिछाई जाएगी।

बिजली का उत्पादन भी करेगी आगरा मेट्रो

आगरा मेट्रो ट्रेनें रीजेनेरेटिव प्रणाली के जरिए बिजली का उत्पादन करेंगी। दरअसल, पारंपरिक अथवा मिकैनिकल ब्रेकिंग प्रणाली में गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक शू का प्रयोग किया जाता है, जबकि इस प्रणाली में ब्रेकिंग के दौरान व्हील पर ब्रेक शू के रगड़ने से ऊष्मा (हीट एनर्जी) उत्पन्न होती है, लेकिन आगरा मेट्रो ट्रेनों में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रणाली के जरिए इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से ट्रेन को रोका जाएगा। रीजेनेरेटिव प्रणाली के जरिए उत्पादित बिजली को ट्रेन के विभिन्न सिस्टमों को चलाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।