काहिरा तूतनखामेन का मकबरा आज तक खोजी गई सबसे रहस्यमयी चीजों में से एक है। लेकिन 1922 में ताबूत को खोजने वाले कथित तौर पर शापित हो गए। इससे जुड़े कुछ लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई, जिसके बाद इस तरह की अफवाहों ने जन्म लिया कि यह फिरौन का शाप था। मिस्र के एक प्रचीन मकबरे में घुसने वाले एक पुरातत्वविद का दावा है कि वह भी जब एक मकबरे में गए तो, खून वाली खांसी और मतिभ्रम की भी समस्या हुई। कुछ का मानना है कि मकबरे या ताबूत में कोई जहर था, जिसने इन लोगों की जान ले ली। वहीं, कुछ लोगों का दावा है कि तूतनखामेन का मकबरा शापित था।
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मिस्रशास्त्री (Egyptologist) रेमी रोमानी का मानना है कि सच में ‘फिरौन का अभिशाप’ होता है। डिस्कवरी चैनल के लिए एक शो बनाने के दौरान रोमानी एक ममी की पहचान करने का प्रयास कर रहे थे, जिसके बारे में उनका मानना था कि यह बाइबिल से जुड़ा एक ऐतिहासिक राजा अखेनातेन हो सकता है। एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा, ‘कोई भी वहां नहीं गया था। मैं वहां गया ताकि अखेनातेन से जुड़ी जानकारी का पता लगा सकूं।’
600 साल से नहीं खुला था मकबरा
उन्होंने कहा, ‘मैं उस मकबरे के अंदर गया। यह मकबरा पिछले 600 वर्षों से नहीं खोला गया था।’ रोमानी का दावा है कि जब पत्थर तोड़ने की कोशिश की गई तो उन्होंने और गार्ड्स ने सांपों की आवाज सुनी। बाद में अंदर से सांप बाहर आने लगे। उन्होंने आगे कहा, ‘बाद में हम अंदर गए और चीजें खोजने लगे। मैं गहरी सांस ले रहा था। अंदर चमगादड़ थे और बहुत भयानक गंध थी। हम बाहर निकल आए, जिसके बाद मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था।’
क्या-क्या हुआ?
उन्होंने कहा, ‘अंदर जाने वालों को बुखार महसूस हो रहा था। उन्हें लग रहा था कि जैसे वे मरने वाले हैं।’ रोमानी का दावा है कि संभवतः यह ममी का शाप हो सकता है। उन्होंन आगे कहा, ‘मैं बुरी स्थिति में था। अगली सुबह मुझे 107 डिग्री बुखार था। मुझे खांसी के साथ खून आ रहा था। मुझे लग रहा था जैसे में मर जाऊंगा। मुझे मतिभ्रम हो रहा था। मैं नहीं जानता कि मेरी जान कैसे बची।’ उनका कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें एटींबायोटिक्स दवाइयां दीं और कहा कि हमने कभी भी चमगादड़, सांप और धूल का एक साथ मिश्रण नहीं देखा।
Compiled: up18 News