शोक या जश्न: पीड़ितों से मिलने पहुंची ममता के लिए बीरभूम में बने तोरण द्वार

Politics

बीरभूम हिंसा में मृतकों के परिजनों से मिलने से पहले ममता विवादों में भी आ गईं। दरअसल, उनके स्वागत में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तोरण द्वार तक लगा दिए जिसकी काफी निंदा हो रही है। भाजपा ने तो यहां तक पूछा कि आप शोक मनाने जा रही हैं या जश्न मनाने? भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीरभूम के रामपुरहाट में स्थानीय बेशर्म टीएमसी इकाई तोरण द्वार लगाकर ममता बनर्जी के स्वागत के लिए तैयार है। माना जाता है कि वह उस भीषण नरसंहार का जायजा लेने के लिए दौरा कर रही हैं, जिसमें उनके शासन के करीबी लोगों ने कई महिलाओं और बच्चों को जिंदा जला दिया था। यह क्रूर, अमानवीय है …

जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

वहीं बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था। मृतकों के शवों की पोस्टमार्टम जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। रामपुरहाट अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम और अन्य जांच करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञों के प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया।

ममता ने जैसे ही पीड़ितों का हाल जानना चाहा वैसे ही मृतकों के परिजनों का दर्द आंखों से छलक उठा। ममता ने किसी अपने की तरह रोते हुए शख्स को पानी पिलाया और उसके आंसू पोछे। उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को 5 लाख रुपए का चेक दिया। मुख्यमंत्री ने वहां मारे गए तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख के परिजनों से भी मुलाकात की। बनर्जी को व्यथा सुनाने के क्रम में मृतक नेता का एक संबंधी बेहोश होकर गिर पड़ा।

जल चुके घरों को सुधारने के लिए 2-2 लाख रुपये

इसके अलावा ममता बनर्जी ने आग में जल चुके घरों को सुधारने के लिए 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी दी जाएगी।

अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आपने अपने परिवार के सदस्य को खोया है, मेरे दिल को इससे काफी ठेस पहुंची है। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा।

यह एक शर्मनाक घटना: राज्यपाल जगदीप धनखड़

बीरभूम घटना पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है और शासन पर एक कलंक है। लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाय सबक सीखने की अपील करता हूं।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

बीरभूम हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने गुरुवार दोपहर की बीरभूम के ताजा हालात पर रिपोर्ट मांगी है लेकिन बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा का मामला राजनीतिक रंग ले रहा है। भाजपा ने राज्य में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

-एजेंसियां