इंडियन क्रिकेट के नए सुपस्टार सूर्यकुमार यादव का आज 32वां जन्मदिन है। 14 सितंबर 1990 को गाजीपुर में जन्में सूर्यकुमार मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। भाभा परमाणु रिसर्स सेंटर में इंजीनियर की नौकरी के चलते पिता परिवार समेत वाराणसी से मुंबई आ बसे थे। गली क्रिकेट खेलते हुए जो सपना सूर्या ने देखा था आज टीम इंडिया में शामिल होकर उसे पूरा कर रहे हैं।
कांटों भरा रहा सफर
सूर्यकुमार यादव ने बचपन में ही सोच लिया था कि वह क्रिकेटर बनेंगे। घरवालों ने भी पूरा साथ दिया। स्कूलिंग से लेकर शुरुआती ट्रेनिंग तक करियर को ध्यान में रखकर हुई। बाद में उन्होंने वेंगसरकर अकादमी में एडमिशन ले लिया। घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। चयनकर्ता ध्यान नहीं देते थे, फिर भी मेहनत नहीं छोड़ी। लगभग 10 साल तक डोमेस्टिक क्रिकेट में खुद को तपाने और आईपीएल में रनों का पहाड़ खड़ा करने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें डेब्यू का मौका मिला।
वर्ल्ड कप में बड़ी होप
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को लगातार दूसरे साल वर्ल्ड टी-20 स्क्वॉड में जगह मिली है। एशिया कप में हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ शतकीय पारी को छोड़ दिया जाए तो सूर्या का बल्ला शांत ही रहा है। वह डेब्यू के बाद बॉल फॉर्मेट में लगातार टीम का हिस्सा रहे हैं।
आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सूर्या को असल पहचान मुंबई इंडियंस ने दिलाई। मैदान के चारों ओर शॉट्स खेलने की काबिलियत ने उन्हें फैंस की नजरों में इंडियन मिस्टर 360 बना डाला।
छोरा गंगा किनारे वाला
सूर्यकुमार यादव का परिवार बनारस-गाजीपुर के बीच हथौड़ा गांव का रहने वाला है। सूर्यकुमार को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। बनारस की गलियों में क्रिकेट खेलते थे। इस शौक को देखते हुए 10 साल की उम्र में उनके पिता और चाचा ने उन्हें मुंबई भेज दिया। जहां अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने आज भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई। सूर्या के दादा विक्रम सिंह यादव सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर रहे और 1991 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित हुए थे। सूर्यकुमार ने 2016 में अपनी दोस्त देविशा शेट्टी से शादी की।
-एजेंसी
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