देश-विदेश में शराब के शौकीनों की कोई कमी नहीं है। इसके शौकीनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में भी बड़ी संख्या में लोग शराब पीते हैं। लेकिन क्या आपको पता है देश की सबसे पुरानी रम कौन सी है।
आज इस रम की 50 देशों में सप्लाई हो रही है। करीब एक सदी से भारतीयों पर इसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। किसी समय इसका मार्केट लगातार डाउन होता जा रहा था लेकिन आज यह एक साल में 80 लाख बॉटल्स बेच डालती है। यह आंकड़ा साल 2002 से इसी तरह का है। चलिए आपको बताते हैं ये कौन सी रम है और इसमें ऐसा क्या खास है जो लोग इसे इतना पसंद करते हैं।
1855 में हुई थी शुरूआत
हम जिस रम की बात कर रहे हैं उसका नाम ओल्ड मॉन्क (Old Monk) है। ओल्ड मॉन्क (Old Monk) रम की शुरुआत सन् 1855 के आसपास हिमाचल प्रदेश कसौली से हुई थी। यहां पर एडवर्ड अब्राहम डायर नामक एक बिजनेसमैन ने एक ब्रेवरीज की स्थापना की थी। इसका मकसद ब्रिटिश फौज को सस्ती बीयर सप्लाई करना था। उनके बेटे रेनिगाल्ड एडवर्ड हैरी डायर ब्रिटिश फौज में कर्नल थे। कसौली में बनी इस ब्रेवरीज ने पूरी इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया था। इसके बाद इसे (Old Monk) साल 1954 में लॉन्च किया गया था।
Old Monk को बनाने वाले कपिल मोहन एक भारतीय थे और भारतीय सेना से ब्रिगेडियर पद से रिटायर होने के बाद अपने पिता की कंपनी को मजबूरी में चलाना शुरू किया था। लेकिन कुछ सालों में ही कपिल मोहन ने विजय माल्या से भी बड़े लिकर किंग के रूप में अपनी पहचान बनाई। साल 2010 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। वैसे तो इस कंपनी की नींव 1855 में पड़ी थी। इसे स्कॉटलैंड के रहने वाले जनरल डायर के पिता एडवर्ड अब्राहम डायर ने हिमाचल प्रदेश के कसौली में शुरु किया था। साल 1949 में कपिल के पिता एनएन मोहन ने डायर की इस कंपनी को खरीद लिया था। इसके बाद साल 1966 में इस कंपनी का नाम बदलकर ‘मोहन मीकिन ब्रिवरीज’ रखा गया था और कपिल मोहन इसके चेयरमैन बने।
पहले सिर्फ फौज के लिए किया जाता था तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआत में इस रम (Old Monk) को फौज के लिए तैयार किया जाता था, लेकिन लोगों में बढ़ती पॉपुलरिटी की वजह से कई जगहों पर यह ब्रॉन्ड प्रसिद्ध हो गया। जिसके बाद इसका उत्पादन कई शहरों सहित अन्य देशों में होने लगा। इसकी (Old Monk) लोकप्रियता इतनी है कि 2002 में सामने आए एक आंकड़े के अनुसार एक साल में इसकी 80 लाख बोतलें बेची जाती हैं। ओल्ड मोंक के कई दीवाने तो इसे रेग्यूलर यूज मेडिसिन के नाम से भी जानते हैं।
कई देशों में हो रही सप्लाई
आलम यह है कि ओल्ड मॉन्क की सप्लाई आज भारत के अलावा दुनिया के 50 देशों में होती है। इन देशों में रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, यूएई, एस्टोनिय, फिनलैंड, न्यूजीलैंड, कनाडा, केन्या, जाम्बिया, कैमरून, सिंगापुर, मलेशिया, सिंगापुर, मनीला सहित कई देश शामिल हैं। भारत ही नहीं, विदेशों में भी लोग इस रम को खूब पसंद करते हैं।
खुद कभी नहीं पी शराब
ओल्ड मॉन्क को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर कपिल मोहन भले ही सेना में होने के साथ साथ इतनी बड़ी शराब कंपनी के मालिक रहे, लेकिन उन्होंने खुद कभी शराब को हाथ नहीं लगाया। इस रम की लोकप्रियता का अंदाज आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसके दम पर कपिल मोहन ने लिकर किंग कहे जाने वाले विजय माल्या को पछाड़ दिया था। 6 जनवरी 2018 को लिकर किंग ब्रिगेडियर कपिल मोहन 88 साल की उम्र में कार्डियेक अरेस्ट के कारण इस दुनिया को अलविदा कह गए।
इस तरह से बनाई ओल्ड मॉन्क
रिपोर्ट्स के अनुसार अपनी जंगल और पहाड़ों की यात्रा के दौरान कपिल मोहन ने यहां रहने वाले संतों को एक अलग तरह का ड्रिंक पीते देखा। वे संत खुद को पहाड़ों में जिंदा रखने के लिए उस पेय पदार्थ का सेवन करते थे। कपिल मोहन को ओल्ड मोंक की प्रेरणा संतों द्वारा पिए जाने वाले इसी पेय पदार्थ से मिली। यही वजह है कि उन्होंने हरक्यूलिस के नाम से बिकने वाली इस रम का नाम ओल्ड मोंक रखा।
-Compiled by up18 News