आगरा: भगवान श्री रामचंद्र ने रावण का अंत कर इस संसार से बुराई का नाश किया था। इस उपलक्ष्य में हर साल बुराई का प्रतीक रावण को पुतले के रूप में बना कर उसका दहन किया जाता है। आगरा के रामलीला मैदान में रावण दहन का ऐतिहासिक कार्यक्रम होता है। रामलीला ग्राउंड में रावण दहन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। बाहर से आए कारीगर रावण के पुतले का निर्माण करने में लगे हुए है।
100 फुट का बनाया जा रहा है पुतला
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 2 साल से इस महोत्सव का आयोजन अच्छे से नहीं हो पाया है। इस बार कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो को रामलीला का आयोजन हर्ष उल्लास के साथ हो रहा है। रामलीला मैदान में रावण का पुतला बनाया जा रहा है। इस बार 100 फुट ऊंचा पुतला बनाया जा रहा है।
बाहर से आये हैं कारीगर
रामलीला मैदान में जो रावण का पुतला बनाए जा रहा है उसे बाहर से आए कारीगर बना रहे हैं। इसमें एक कारीगर तो मुस्लिम समाज से है। उसने बताया कि वह कई दशकों से रावण व रामलीला के जो अन्य पात्र हैं जिनका रामलीला में अंत हुआ था उनके पुतले बनाते हैं।
इसमें से एक बुजुर्ग कारीगर भी था। उसने बताया कि उसकी पीढ़ी दर पीढ़ी इसी कार्य को करती चली आ रही है। पिछले 2 साल से कोरोना के चलते इस तरह के महोत्सव का आयोजन नहीं हो पा रहा था जिससे उन्हें भी रोजी रोटी के साथ-साथ आर्थिक संकट गहरा गया था। अब दोबारा काम शुरू हुआ है तो वह भी उत्साहित हैं।
पुतला बनाने वाले कारीगर ने बताया कि हमारे पुर्वजों से ही हम लोग यहां आकर पुतला बनाने आ रहे हैं और इस साल भी ये मौका हमें दिया गया है। हम बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ यह काम कर रहे है। हम लोग इसे 1 महीने के अंदर अंदर तैयार कर देते हैं। इसे बनाने के लिए हमें लकड़ी, भुस, रस्सी, लही और कागज जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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