मंगलवार को (आज) लोकसभा से 49 और सांसद निलंबित कर दिए गए हैं. इनमें फ़ारूक़ अब्दुल्ला, शशि थरूर, मनीष तिवारी शामिल हैं.
लोकसभा से निलंबन के बाद फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि सरकार का तर्क है कि संसद की सुरक्षा लोकसभा के अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और गृहमंत्री को इस पर बयान देने की ज़रूरत नहीं, फिर विपक्ष क्यों अड़ा है?
इस पर अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे बताइए कि पुलिस किसके पास है, गृह मंत्रालय के ही अंतर्गत आती है. क्या हो जाता अगर गृह मंत्री पांच मिनट के लिए सदन में आ कर बोल देते कि जनाब चूक हुई है और मामले की जांच हो रही है.”
उन्होंने कहा, “जब तक सदन में विपक्ष का एक भी आदमी रहेगा तब तक ये मांग जारी रहेगी.”
सोमवार को रिकॉर्ड 78 सांसदों का निलंबन हुआ था. बीते दो दिनों में कुल 127 सांसद संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए जा चुके हैं. अब तक शीत्र में कुल 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है.
विपक्ष मोदी सरकार पर तानाशाही के आरोप लगा रहा है. ये निलंबन ऐसे समय हुआ है जब सदन में कुछ अहम बिल पेश होने वाले हैं.
राहुल गांधी क्या बोले?
इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. मीडिया के सवालों पर जवाब देते हुए गांधी ने कहा, “जो हो रहा है, वो सब आप सब देख सकते हैं.”
विपक्ष का कहना है गृहमंत्री और प्रधानमंत्री सदन के बाहर इस पर बात कर रहे हैं तो सदन में जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है.
इससे पहले कांग्रेस के महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “जिस तरह संसद पर हमले की बरसी के दिन प्रदर्शनकारी संसद के भीतर घुस आए, हालांकि ये प्रदर्शन बेरोज़गारी और इस व्यवस्था के खिलाफ़ था और लेकिन अगर ये सांकेतिक प्रदर्शन ना हो कर उग्रवादी हमला होता तो आज देश के सामने कैसे हालात होते? मोदी सरकार अगर संसद की सुरक्षा नहीं कर सकती तो देश की सुरक्षा क्या करेगी.”
उन्होंने ये भी कहा कि अगर मोदी सरकार को विपक्ष मुक्त संसद चाहिए तो भाजपा के कार्यालय में ही बैठक कर लिया करें और देश के एजेंडे को तय कर लिया करें.
-एजेंसी
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