भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर के इंपोर्ट पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सरकार सिर्फ उनकी खेप की निगरानी करेगी। एक टॉप अधिकारी ने यह बात कही। सरकार ने अगस्त में कहा था कि लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर सहित इन उत्पादों को एक नवंबर से लाइसेंस व्यवस्था के तहत रखा जाएगा। इस लिहाज से यह बात महत्वपूर्ण है। बता दें कि भारत हर साल लगभग 7-8 अरब डॉलर मूल्य के इन सामानों का इंपोर्ट करता है।
कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमारा विचार है कि लैपटॉप पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। हम केवल यह कह रहे हैं कि लैपटॉप का आयात करने पर उनकी कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे हम इन आयातों पर नजर रख सकें। इसका प्रतिबंधों से कोई लेना-देना नहीं है।
इस बारे में डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम एक नवंबर से लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम प्रगति पर है। उम्मीद है कि यह 30 अक्टूबर से पहले हो जाएगा।
लगाया था बैन
केंद्र सरकार ने 3 अगस्त को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था।
क्या वजह थी
सरकार ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के लिए यह कदम उठाया था। लेकिन इस अधिसूचना के बाद आईटी हार्डवेयर उद्योग ने चिंता जताई थी।
केंद्र का कहना है
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना और सीमा शुल्क बढ़ाना शामिल है।
Compiled: up18 News