देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का काम पूरा होने के करीब

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पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) देश में हाइटेक इंजीनियरिंग का एक नमूना है। यह मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है। पुराने पंबन पुल के पैरालल नए पुल को तैयार किया जा रहा है। इस पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर के नेविगेशनल स्पैन होंगे। यह मौजूदा पुल से तीन मीटर ऊंचा होगा ताकि जहाज आसानी से गुजर सकें। पुराना पंबन पुल 24 फरवरी 1914 को शुरू किया गया था लेकिन अब इसकी स्थिति ठीक नहीं है और इस पर 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

नई तकनीक का इस्तेमाल

नए पुल की अनुमानित लागत 560 करोड़ रुपये है। जहाजों के क्रॉस-नेविगेशन के लिए इसमें वर्टिकल लिफ्ट स्पैन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। पुल में 75 मीटर लंबी सेंट्रल स्पैन होगा जिससे जहाज पुल के नीचे से आसानी से गुजर सकेंगे। इस पुल में प्रत्येक में 25 मीटर के 100 स्पैन होंगे। बंगाल की खाड़ी में बार-बार तूफान आते हैं। इसे देखते हुए ब्रिज के स्तंभों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कितनी रफ्तार से चलेगी ट्रेन

1964 में आए समुद्री तूफान में पुराना पंबन ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था। इसका कुछ हिस्सा समुद्र में बह गया था। तब ई श्रीधरन ने इसे दोबारा ठीक करके मजबूती दी थी। आज भी ट्रेन इसी पुल के जरिए रामेश्वरम पहुंचती हैं। इस ब्रिज से रोज 12 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं। लेकिन कमजोर हो जाने के कारण अब इस ब्रिज से ट्रेनें महज 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पाती हैं। समुद्र के खारे के कारण अब इसमें जंग लगने लगा है। नए ब्रिज से ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।

क्या है इसकी खासियत

यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है। इसमें बीच का 72.5 मीटर का हिस्सा (स्पैन) अपने दोनों तरफ लगी लिफ्ट के माध्यम से ऊपर की ओर इतना उठ जाएगा। इससे उसके नीचे से समुद्री जहाज गुजर सकेंगे। यह ब्रिज 2.05 किमी लंबा होगा। यह ब्रिज मंडपम रेलवे स्टेशन और रामेश्वरम रेलवे स्टेशन के बीच समुद्र के ऊपर बनाया जा रहा है। उसमें ऐसी टेक्नोलॉजी लगी है जिससे इसमें यदि तेज रफ्तार से हवाएं चलेंगी तो ऑटोमेटिक तरीके से अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा

-एजेंसी