आगरा के एक इंटर कॉलेज की अनूठी पहल: आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मददगार बनी ‘गुल्लक बैंक’, नहीं रुकी किसी की पढ़ाई

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आगरा: खंदारी स्थित श्री रामकृष्ण इंटर कॉलेज में एकमुश्त फीस देने में असमर्थ दैनिक मजदूरी करने वाले अभिभावकों के लिए गुल्लक व्यवस्था बनाई गई है। अभिभावक या विद्यार्थी 10-20 रुपये या जितने भी उनके पास पैसे होते हैं, डालते हैं। यह गुल्लक परिसर में रख दी जाती है। इसमें अन्य लोग भी योगदान करते हैं। ऐसे में गुल्लक में उनके डाले गए रुपयों से अधिक रकम निकलती है। इससे उनकी फीस जमा कर दी जाती है। उनके लिए गुल्लक, गुडलक की तरह है।

प्राइमरी कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था की गई है। प्राइमरी की फीस 300 रुपये प्रति माह है। जिन विद्यार्थियों के अभिभावक दैनिक मजदूरी करते हैं और एक साथ पूरी फीस देने में समर्थ नहीं होते हैं, उनको गुल्लक में छोटी-छोटी राशि (10, 20, 50 रुपये) जमा करने का विकल्प दिया जाता है। अभिभावक व संबंधित विद्यार्थी को गुल्लक का नंबर बता दिया जाता है। विद्यालय में महज प्रधानाचार्य को पता होता है कि किस नंबर की गुल्लक किस विद्यार्थी की है।

दूसरे लोग भी डालते हैं गुल्लक में रुपये

मिट्टी की कई गुल्लक विद्यालय खुलने पर परिसर में रखवा दी जाती हैं। विद्यालय का स्टाफ, विद्यार्थी स्वेच्छा से गुल्लकों में रुपये डाल देते हैं। अभिभावक भी गुल्लकों में रुपये डाल जाते हैं। विद्यालय आने वाले अन्य लोगों को इन गुल्लकों के बारे में पता चलता है तो वह भी योगदान देते हैं। फिलहाल विद्यालय में 18 गुल्लक रखे गए हैं।

अभिभावक के सामने तोड़ी जाती है

विद्यालय के प्रधानाचार्य सोमदेव सारस्वत ने बताया कि जिन विद्यार्थियों और अभिभावक की मदद की जाती है, उनके नाम गुप्त रखे जाते हैं। हर तीन महीने में अभिभावक व विद्यार्थी के सामने बंद कक्ष में गुल्लक तोड़ी जाती है। निकलने वाली धनराशि से फीस जमा की जाती है। रुपये फीस से अधिक होने पर दूसरी गुल्लक में डाल दिए जाते हैं।

कोरोना काल में शुरू की गई योजना

प्रधानाचार्य ने बताया कि कोरोना के समय में गुल्लक बैंक की शुरुआत की गई। इस दौरान कई अभिभावकों को रोजगार छिन जाने से समस्या आई। तब जरूरतमंद 26 विद्यार्थियों के लिए गुल्लकें रखी गईं। फीस की वजह से किसी की पढ़ाई नहीं छूटी। चालू सत्र में जरूरतमंदों को प्रवेश फीस में राहत दी जा रही है