यूक्रेन को लेकर दुनिया की दो महाशक्तियों अमेरिका और रूस में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। रूस और अमेरिका के बीच जहां यूरोप के पश्चिमी मोर्चे पर जोरदार घेरेबंदी चल रही है, वहीं बाइडन की सेना ने अब पूर्वी मोर्चे पर भी अपनी हरकत तेज कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति की रूस के यूक्रेन पर हमले की चेतावनी के बीच अमेरिकी नौसेना की परमाणु पनडुब्बी रूसी जलक्षेत्र में घुस गई। इससे रूस बुरी तरह भड़क गया है और दोनों देशों के बीच रिश्ते कोल्ड वॉर के दौर में पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। इससे तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की वर्जीनिया क्लास की परमाणु पनडुब्बी उसके जलक्षेत्र में घुस गई। जब रूसी युद्धपोत ने अमेरिकी पनडुब्बी से सतह पर आने को कहा तो उसने अनदेखा कर दिया। इसके बाद रूसी नौसेना ने अमेरिकी पनडुब्बी के खिलाफ ‘विशेष कार्रवाई’ की। रूसी नौसेना की इस हरकत के बाद अमेरिकी पनडुब्बी तत्काल तेजी से रूसी समुद्री इलाके से भाग गई। इस घटना से भड़के रूस ने अमेरिका के रक्षा अताशे को तलब किया और इस हरकत के प्रति आगाह किया। अमेरिका ने रूस के इन आरोपों को खारिज किया है।
बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी चेतावनी
रूसी मीडिया के मुताबिक अमेरिकी पनडुब्बी की यह घुसपैठ कुरील द्वीप समूह के पास हुई जो जापान के पास स्थित है। रूसी नौसेना इसी इलाके में इन दिनों सैन्य अभ्यास कर रही है। इस द्वीप पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रूस ने कब्जा कर लिया था लेकिन जापान इस पर अपना दावा करता है।
अमेरिका अपनी वर्जीनिया क्लास सबमरीन का इस्तेमाल ज्यादातर एंटी सबमरीन युद्ध और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए करता है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 62 मिनट तक चली बातचीत के बाद जोरदार कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
बाइडन ने रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी ‘दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’
बाइडन ने पुतिन से कहा,‘आक्रमण का अंजाम व्यापक मानवीय पीड़ा होगी और रूस की छवि धूमिल’ होगी। साथ ही बाइडन ने पुतिन से यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन ‘अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है’। अमेरिका ने अपने हजारों की तादाद में सैनिकों को अब पोलैंड और रूस से सटे अन्य नाटों देशों में तैनात कर दिया है।
जानें कितनी खतरनाक है वर्जीनिया क्लास सबमरीन
परमाणु शक्ति से चलने वाली फास्ट अटैक वर्जीनिया क्लास की पनडुब्बियां टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस होती हैं। स्टील्थ फीचर से लैस होने के कारण दुश्मन के रडार इस पनडुब्बी को डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं। एंटी सबमरीन वॉरफेयर में इस पनडुब्बी का दुनिया में कोई तोड़ नहीं है।
अमेरिकी नौसेना में इन्हें लॉस एंजिलिस क्लास पनडुब्बियों के जगह पर कमीशन किया गया था। इस क्लास की पनडुब्बियां अमेरिकी नौसेना में 2060 से 2070 तक सर्विस में रहेंगी। अमेरिकी नौसेना ऐसी 66 पनडुब्बियों के निर्माण की योजना पर काम कर रही है, जिसमें से 19 अभी एक्टिव हैं जबकि 11 पनडुब्बियों को बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अमेरिकी नेवी ने 6 पनडुब्बियों का और ऑर्डर दिया हुआ है।
नाटो में शामिल हुआ यूक्रेन तो होगा परमाणु युद्ध: पुतिन
पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर कीव नाटो में शामिल हुआ तो परमाणु युद्ध होगा। पुतिन ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है, रूस ने पोलैंड की सीमा के पास परमाणु हथियार लेकर जाने में सक्षम मिग-31 के विमानों को तैनात किया है।
पुतिन ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति से कहा कि वह एक बार और इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो यूरोपीय देशी स्वत: ही रूस के साथ जंग में खिंच जाएंगे। पुतिन ने चेतावनी दी, ‘निश्चित तौर पर नाटो और रूस के बीच सैन्य ताकत अतुलनीय है। हम इसे समझते हैं।
लेकिन हम यह भी समझते हैं कि रूस एक प्रमुख परमाणु ताकत है और कुछ आधुनिक हथियार तो कईयों को पीछे छोड़ सकते हैं। इसमें कोई विजेता नहीं होगा और आप अपनी मर्जी के बिना ही इस विवाद में शामिल हो जाएंगे।’
रूसी सेना कर रही बमों की बारिश
यूक्रेन की तीन तरफ से घेराबंदी कर चुकी रूस की सेना ने बेलारूस के साथ मिलकर जोरदार युद्धाभ्यास शुरू किया है। रूस और बेलारूस के बीच 10 दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में करीब 30 हजार सैनिक, टैंक और तोपें हिस्सा ले रही हैं। उधर, रूस-बेलारूस को करारा जवाब देने के लिए यूक्रेन की सेना ने भी 10 दिनों तक के लिए सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। यूक्रेन की सेना रूसी टैंकों और तोपों को तबाह करने के लिए तुर्की से मिले बेहद खतरनाक हमलावर ड्रोन बायरकतार से हमले का अभ्यास कर रही है।
इसके अलावा यूक्रेन की सेना को अमेरिका से मिले जवेलिन एंटी टैंक मिसाइलों और ब्रिटेन से मिली बंकर को तबाह करने वाली मिसाइलों की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। पिछले एक महीने से जारी इस गतिरोध के बीच दोनों ही देशों की सेनाएं पूरी तरह से जंग के लिए तैयार नजर आ रही हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1 लाख 30 हजार सैनिकों को तैनात किया है। इसमें 100 युद्धक समूह, इश्कंदर समेत खतरनाक मिसाइलें, सुखोई-35 फाइटर जेट और टी-72 समेत कई घातक टैंक यूक्रेन की सीमा के पास अपने इलाके में तैनात कर दिए हैं।
यूक्रेन और रूस में जंग छिड़ती है तो जाएगी 50 हजार लोगों की जान
अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिली के मुताबिक शीत युद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी तादाद में रूस ने अपनी सेना को सीमा पर तैनात किया है। रूस ने अपने सहयोगी बेलारूस के साथ मिलकर यह अभ्यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब अमेरिका और अन्य नाटो देशों ने चेतावनी दी है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस और यूक्रेन के बीच अगर जंग छिड़ती है तो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे सबसे खूनी जंग में शामिल किया जा सकता है।
-एजेंसियां
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