श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि उनका देश चाहता है कि भारतीय रुपये का इस्तेमाल अमेरिकी डॉलर के बराबर हो। नकदी संकट से जूझ रहे देश के प्रमुख का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन बाद उनके दिल्ली दौरे की संभावना है।
अब हिंद महासागर क्षेत्र के साथ भारत की बारी
द्वीप राष्ट्र के वित्त मंत्री विक्रमसिंघे ने इस सप्ताह यहां इंडियन सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। विक्रमसिंघे ने कहा- ‘जिस तरह जापान, कोरिया और चीन जैसे देशों सहित पूर्वी एशिया में 75 साल पहले उल्लेखनीय विकास हुआ था… उसी तरह अब हिंद महासागर क्षेत्र के साथ भारत की बारी है।’
अगले सप्ताह नई दिल्ली की यात्रा करने की संभावना
विक्रमसिंघे के अगले सप्ताह नई दिल्ली की यात्रा करने की उम्मीद है, जो द्वीप राष्ट्र में अभूतपूर्व आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक साल पहले राष्ट्रपति बनने के बाद उनका पहला दौरा है। उनकी टिप्पणी फोरम के अध्यक्ष टीएस प्रकाश के जवाब में थी, जिन्होंने अपने संबोधन में श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था में भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ाने का आह्वान किया था।
साझा मुद्रा से हमें कोई दिक्कत नहीं
उन्होंने कहा, ‘अगर भारत (भारतीय रुपया) एक साझा मुद्रा बना जाता है तो हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें यह पता लगाना होगा कि इसे कैसे किया जाए। हमें बाहरी दुनिया के लिए और अधिक खुला होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया विकसित हो रही है और भारत तेजी से विकास के दौर से गुजर रहा है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में।’
श्रीलंका को भारत के साथ अपनी निकटता से लाभ
‘द डेली मिरर’ अखबार ने उनके हवाले से कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका को भारत के साथ अपनी निकटता से लाभ होता है, साथ ही समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और 2,500 वर्षों के लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक संबंधों से भी लाभ होता है। विक्रमसिंघे ने द्वीपीय देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला है और कहा है कि अर्थव्यवस्था सुस्ती के बावजूद उबर रही है।
Compiled: up18 News
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