अलीगढ़ महानगर के क्वार्सी के देवसैनी इलाके में रह रहे बुलंदशहर के मूल निवासी एटा में तैनात दरोगा की हत्या कर दी गई। हत्या को बेहद शातिराना अंदाज में अंजाम दिया गया है, क्योंकि शुरुआत में मकान के अंदर शव मिलने और अंदर से ताला लगा होने से पुलिस इसे आत्महत्या या दम घुटने से मौत मान रही थी। परिवार भी इस पर सहमति जता रहा था। मगर देर शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस हरकत में आई।
बुलंदशहर डिबाई के गांव गालिबपुर के 52 वर्षीय दरोगा रामजीलाल की तैनाती एटा के जसरथपुर थाने में थी। परिवार में पत्नी अंगूरी देवी, बेटा रंजीत व संदीप हैं। एक बेटा ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनात है। पुलिस जांच व परिवार के अनुसार कुछ समय पहले रामजीलाल ने देवसैनी में मकान बना लिया था। मगर परिवार से अनबन के चलते पत्नी व दोनों बेटे पिता से अलग रहते हैं। रामजीलाल कुछ समय से गैरहाजिर रहकर अपने मकान में अकेले रह रहे थे। सुबह दस बजे बेटे रंजीत ने पुलिस को सूचना दी कि पिता घर के अंदर बेसुध पड़े हैं और दरवाजे पर अंदर से ताला लगा हुआ है। इस पर क्वार्सी पुलिस मौके पर पहुंची और वीडियोग्राफी के बीच ताला तुड़वाकर मकान खुलवाया गया।
कैसे हुआ खुलासा…
पोस्टमार्टम में गले पर नाखून के निशान, दबाने के निशान, कलाई पर खरोंच के निशान व संघर्ष जैसा अंदेशा जताते हुए शरीर पर चोट व रगड़ के निशान भी पाए गए। इस रिपोर्ट को देख पुलिस दंग रह गई।
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