आगरा: दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिग का सात दिनों में भी मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया। पुलिस की इस कार्यवाही से नाराज सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस की ओर से महिला कल्याण सहित मुख्यमंत्री, डीजीपी, प्रधानमंत्री, महिला कल्याण विभाग तथा पुलिस मुख्यालय को ट्वीट किया। बाल कल्याण समिति को पत्र लिखा। इस ट्वीट के बाद प्रशासन भी हरकत में आया है। जिस पर बाल कल्याण समिति ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाना सिकंदरा पुलिस को पत्र जारी किया है।
मोहब्बत की नगरी आगरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हिलाकर रख दिया है। सात दिन पहले नशे की हालत में आईएसबीटी पर मिली 16 वर्षीय किशोरी ने आपबीती बताई तो सभी को झकझोर के रख दिया। उसने बताया कि घर में उसका भाई लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। इस दलदल से बाहर निकलने के लिए वह घर से भागी और कॉलोनी की एक महिला से मदद मांगी तो उसने उसे देह व्यापार में धकेल दिया। जब वह गर्भवती हुई तो उससे छुटकारा पाने के लिए गंभीर अवस्था में उसे सड़क पर छोड़ दिया गया।
घंटे के हिसाब से उसे बेचा गया
सड़क पर मिली किशोरी को आशा ज्योति केंद्र ले जाया गया और उसका मेडिकल कराया गया तो किशोरी गर्भवती निकली जिसके बाद 16 वर्षीय किशोरी की काउंसलिंग कराई गई तो किशोरी टूट गयी और उसने पूरी सच्चाई बताई। उसने बताया कि पहले भाई और परिजनों ने उसका घर में शारिरिक शोषण किया। उस नरक से निकलने पर मदद के नाम पर बस्ती की रहने वाली पिंकी नाम की महिला से मदद मांगी तो उसने उसका फायदा उठाया और उसे देह व्यापार में धकेल दिया। दो सौ से तीन सौ रुपए में उसका शारीरिक शोषण होता था और घंटो के हिसाब से उसे बेचा जाता था।
एक हफ्ते पहले किशोरी थाना सिकंदरा क्षेत्र के अंतर्गत आईएसबीटी पर लावारिस अवस्था में मिली। लड़की नशे में थी पुलिस और चाइल्ड लाइन ने किशोरी को आशा ज्योति केंद्र पहुंचाया। मेडिकल में पता चला कि किशोरी गर्भवती है। इसकी जानकारी होने पर भी उसका थाना सिकंदरा में मुकदमा नहीं लिखा गया।
बताया जाता है कि किशोरी की ओर से कोई वादी न मिलने के कारण पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया क्योंकि किसी की ओर से प्रार्थना पत्र नहीं आया था। मुकदमा दर्ज न होने पर मामला गूंजा और बाल महिला कल्याण तक यह ख़बर पहुंची तो बाल महिला कल्याण विभाग की ओर से सिकंदरा थाना को शिकायती पत्र दिया गया है जिस पर मुकदमा दर्ज होने की उम्मीद है।
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