प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (U.P. Secondary Education Service Selection Board) के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि सदस्यों की नियुक्ति 6 सप्ताह में सरकार पूरी करें। जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक अध्यक्ष चयन बोर्ड का काम करते रहें।
1 साल से खाली हैं चयन बोर्ड के सदस्यों के सभी पद
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अध्यक्ष व 10 सदस्यों से मिलाकर बोर्ड का गठन होता है। पिछले 1 साल से सदस्यों के सभी पद खाली हैं। केवल अध्यक्ष ही हैं। ऐसे में चयन बोर्ड में कामकाज ठप है। चयन बोर्ड का कोरम पूरा ना होने के कारण टीजीटी-पीजीटी और प्रिंसिपल के पदों पर भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है। इसके अलावा पब्लिक इंटर कॉलेज मनौरी कौशांबी के प्रधानाचार्य के खिलाफ विभागीय जांच के बाद बर्खास्तगी करने के बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो पा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा 4 सप्ताह में पूरी होगी सदस्यों की चयन प्रक्रिया
इस मामले में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड के 10 सदस्यों की नियुक्ति की कार्रवाई चल रही है 6 हफ्ते में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को 6 हफ्ते में नियुक्ति पूरी करने का समय दे दिया है। इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एसडी सिंह ने दीपक कुमार अग्रवाल की याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है।
अकेले चेयरमैन से नहीं गठित होता बोर्ड-याची
दीपक कुमार की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि बोर्ड के सदस्यों के पद खाली हैं बोर्ड चेयरमैन सहित 10 सदस्यों से बनता है, लेकिन अकेले चेयरमैन के होने के नाते बोर्ड का गठन नहीं हो सकता है। कोर्ट ने चेयरमैन को 4 हफ्ते में सुनकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड गठित होना चाहिए लेकिन सदस्यों के पद खाली रहते बोर्ड निष्क्रिय नहीं हो सकता। जब तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक चेयरमैन ही बोर्ड का काम देखें। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से याची के निलंबन को अनुमति देने की वैधता पर किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि बोर्ड के निर्णय के बाद इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं रह जाएगी।
-एजेंसी