संसद में आज फिर उठा चीन से झड़प का मुद्दा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शून्यकाल में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। जो चीनी अतिक्रमण हुआ है, उसके बारे में हम विस्तृत चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश रही है कि सदन को पूरी जानकारी मिले, देश के लोगों को भी जानकारी मिले कि वहां की वास्तविक स्थिति क्या है।’’

उन्होंने कहा कि सदन को बहुत सी चीजें जाननी हैं, जो रक्षा मंत्री ने नहीं बताया। खरगे ने कहा, ‘‘हमारे पास जो सूचनाएं हैं…जो जगह पहले खाली थी अब वहां पर पुल बन गए हैं…मकान बन गए हैं और…।’’

इसी दौरान उप सभापति हरिवंश ने खरगे को टोकते हुए कहा कि आज इस बारे में कोई नोटिस नहीं है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती है तथा रक्षा मंत्री भी इस पर बयान दे चुके हैं।

इस पर, खरगे ने कहा, ‘‘हम देश के साथ हैं, हम सेना के साथ हैं।’’

खरगे अभी बोल ही रहे थे कि उप सभापति ने शून्यकाल शुरु कराया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बृजलाल को अपना मुद्दा उठाने को कहा।

इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। उप सभापति ने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विपक्ष के नेता को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर अपने नोटिस को पूरा पढ़ने का मौका दिया गया।

इस बीच, खरगे कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन आसन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में चर्चा होनी चाहिए।

चौधरी ने कहा, ‘‘1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि (तवांग में झड़प पर) यहां चर्चा हो।’’

इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में फैसला होगा।

जैसे ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे चलाने को कहा, कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर यह आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया कि वह भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दे रही है।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य सरकार के रुख के विरोध में बहिर्गमन कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में स्वत: आधार पर दिये गये अपने बयान में बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।

रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी थी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिये मना किया गया है।

भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’

पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच गत शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

Compiled: up18 News