स्पा मसाज पार्लर की अंदरूनी कहानी, पेट भरने के लिए करतीं है देह की नीलामी

Cover Story

...कुछ शौक से तो कुछ की मजबूरी बनी कहानी, पार्लर के कई युवतियों की दास्तां उन्ही की जुबानी
….एटीएम,पेटीएम से भी होता है पेमेंट

आगरा। मोहब्बत की निशानी ताजमहल के शहर में धड़ल्ले से चल रहे स्पा मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार के अवैध धंधे की अंदरूनी कहानी भी बड़ी विचित्र है। इस धंधे में शामिल कई युवतियों और उनके तथाकथित दलालों, ग्राहकों की माने तो कुछ युवतियाँ-महिलाएं अपना मंहगे शौक को पूरा करने के लिए तो कुछ अपने परिवार का पेट भरने के लिए इसमें काम करती हैं। सूत्रों की माने तो इस अवैध धंधे में उन युवतियों की भी संख्या बेहिसाब है जो प्यार, मुहब्बत के मोह जाल में फंसकर धोखा खाने के बाद जिस्मफरोशी के धंधे में उतर गईं है। खास बात तो यह है कि इस धंधे में कई ऐसी युवतियां है जिनके देह का व्यापार उनके तथाकथित प्रेमी/पति, सफेद नकाबपोश, पार्लर कर्मचारी, संचालक लोग ही करते है।

ग्राहकों की तलाश से लेकर उनके हिसाब किताब की खाताबही भी उन्हीं के पास होता है। स्पा मसाज पार्लर की बन्द कोठरी से लगायत तारांकित होटलो तक मे अपने देह की नीलामी करवाने में लगी कई युवतियों ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि यौनावस्था की दहलीज पर पैर रखते ही उनके पैर डगमगा गए और वह अपने प्रेमी, पड़ोसी, दूर-नजदीक के सगे सम्बंधी युवक के साथ घर से फरार हो गई। अब वह घर, गांव, कालोनी कैसे वापस जाएं इस लाज, शर्म के कारण स्पा पार्लर में काम करने लगी, और जब स्पा पार्लर की कमाई से उनका खर्च नहीं चल पाया तो वह मजबूरन जिस्मफरोशी के धंधे में उतर गई, या धकेल दी गईं।

कुछ युवतियों का यह भी कहना है कि वह प्यार के मकड़जाल में इस कदर फंसकर अपना सब कुछ गवां बैठी की उनके सामने पेट भरने के लिए कोई विकल्प नहीं दिखा तो इसी धंधे को अपना व्यवसाय चुन लिया। खास बात यह है कि इस धंधे को आगे बढ़ाने के लिए जरूरत के अनुसार शहर के बाहर से लड़कियों का जखीरा भी मंगाया जाता है और ग्राहकों के सामने उनकी बोली होटलों, बार, फार्महाउसों  में लगाई जाती है। इस अनैतिक कार्य में उन लड़कियों की भी तादात ज्यादा होती है जो नशे की लती हो चुकी है और स्कूल-कालेजों में पढ़ती है या फिर हॉस्टल, लाज, किराये के फ्लैट, मकान में रहकर तैयारी कर रही है और इस चकाचौंध दुनिया के मायाजाल में भर्मित होकर फंस चुकी है। इन्हीं लड़कियों को होटलों में रेव जैसी अन्य पार्टीयों में अमीरजादे, जिस्म के शौकीन अपनी हवश का शिकार बनाने के लिए मुंह मांगी कीमत देते है।

स्पा मसाज पार्लर में काम करने वाली अधिकतर युवतियों ने अपना नाम, पता गोपनीय रखने की शर्त पर यह भी बताया कि जब स्पा पार्लर की वैध कमाई से उनकी जरूरतें पूरी नही हो पातीं है, उनका और उनके अपनो का पेट नहीं भर पाता है, उनके परिवार का भरण पोषण ठीक से नहीं हो पाता है तो वह पार्लर में ही मसाज करने के दौरान ग्राहकों से उनका व्यक्तिगत मोबाइल नंबर ले लेती हैं और बाद में उन्हें अपने ठिकानों पर या फिर ग्राहकों के बताए गए ठिकानों पर खुद पहुंचकर अपने जिस्म की सौदेबाजी कर उनकी जिस्म की आग को शांत करती हैं। जबकि एक पहलू उभर कर सामने यह भी आया है कि इस महंगाई के दौर में शिक्षित होने के बावजूद भी बेरोजगारी का दंश झेल रही युवतियों को कहीं रोजगार नहीं मिलने के कारण मजबूरन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इस गलत धंधे में आना पड़ा। कुछ तो ऐसी भी हैं कि वह इस बात को भी बताने से कोई गुरेज नहीं करती हैं कि वह आज भी घर से बचते-बचाते किसी न किसी ऑफिस, पार्लर, मॉल, होटल, प्रापर्टीज आफिस, रेस्टोरेंट, कॉल सेंटर, स्पा मसाज सेंटर या फैक्ट्री में काम करने के बहाने निकलती हैं और जिस्मफरोशी का धंधा करके अपने परिवार का भरण पोषण, गुजारा करती हैं।

जानकारों की माने तो देह व्यापार की कवच माने जाने वाले स्पा मसाज पार्लर में काम करने के लिए युवतियों, महिलाओं के पास कोई शैक्षिक योग्यता हो चाहे ना हो वह जरूरी भी नहीं है लेकिन यह बहुत ही जरूरी होता है कि वह सुंदर हो और ग्राहकों को किसी न किसी तरीके से रिझाकर, बहलाकर, फुसलाकर, पुचकार कर, सहलाकर, अपनी मोह माया में फंसाकर उससे उसकी जेब से पैसे निकालने की कला जरूर आती हो। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर इस अनैतिक कार्य से इन युवतियों को बाहर कैसे निकाला जाए और यदि शासन-प्रशासन इन्हें बाहर निकाल भी देती है तो क्या यह अपने घर वापस लौटेंगी या फिर इस जिस्मफरोशी के धंधे को छोड़कर कोई अच्छा सम्मानजनक रोजगार उन्हें मिलेगा या यह फिर उसी समाज में जाकर जहां से निकल कर आई हैं इन्हें कोई सम्मानित नजरों से देखेगा। ऐसे तमाम सवाल है जिसके कारण यह चाहकर भी इस धंधे से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। सूत्रों की माने तो इनके जिस्म के सौदागर तथाकथित प्रेमी, पति या फिर सफेदपोश, संचालक ही हैं जिनके संरक्षण में यह देह व्यापार का धंधा कर रही हैं, जो कभी भी इन्हें इस मकड़जाल से बाहर नहीं निकलने देंगे। इसके लिए वह हर ताना-बाना बुनते रहेंगे ताकि उनके भी रोजी-रोटी का संकट ना हो।

यह भी एक कारण है कि इस गोरखधंधे में कम उम्र से लेकर अधिक उम्र की युवतियां, महिलाओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। स्पा पार्लर में मसाज के नाम पर देह व्यापार का धंधा करने वाली युवतियों की माने तो पार्लर के मुख्य द्वार से ग्राहक के संतुष्ट हो जाने तक के अलग-अलग रेट तय किए गए हैं जिसका भुगतान नकद के अलावा एटीएम से लेकर पेटीएम तक किया जाता है। सबका अपना-अपना हिस्सा बंधा हुआ है वह चाहे पार्लर के काउंटर पर बैठे युवक-युवतियां हो या फिर ग्राहकों को पहुंचाने वाले दलाल, सफेदपोश तथाकथित प्रेमी-पति या फिर संचालक ही क्यों ना हो।

.……..जिस्मफरोशी का धंधा रोकने के लिए आखिर क्या है नियम-कानून, कौन-कौन सी लगती है धाराएं, कितनी हो सकती है सजा-जुर्माना

अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए 1956 में पीटा एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) लागू किया गया है। हालांकि 1986 में इसमें संशोधन भी किया गया है। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

ग्राहक के लिए कानून में अलग-अलग सजा है। सार्वजनिक स्थान या चिन्हित स्थान में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो ग्राहक को 7 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े जाने पर आरोपियों के खिलाफ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा 3, 4, 5, 6 एवं 7 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

धारा 3, 4 अनैतिक देह व्यापार अधिनियम 1956 के तहत दो-दो साल तथा धारा 5 के तहत 3-3 साल व 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा हो सकती है। धारा 05 (क)(घ) अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 1956 के तहत सात वर्ष सश्रम कैद, धारा 11(6)/12 लैंगिक उत्पीड़न एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 372, 368, 366 (क) भादंवि के तहत सात-सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना की धनराशि नहीं दिए जाने की स्थिति में आरोपियों को अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होता है।


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.