अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव बनकर तैयार हो गई है इसकी तस्वीर पहली बार सामने आई है। अब राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण होगा, जहां रामलला विराजमान होंगे। इसके बाद फर्स्ट फ्लोर का कार्य होगा, जिस पर पूरे राम दरबार का दर्शन होगा। दरबार में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ माता जानकी विराजेंगे।
सात लेयर के राम चबूतरा का पहला लेयर तैयार
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण में राम चबूतरा सात लेयर में बनेगा। इसकी ऊंचाई 21 फीट रहेगी। यानी एक लेयर 3 फीट की है। पहले लेयर का काम पूरा हो गया है। इसे और तेज करने की रणनीति बनाई गई है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कार्य की प्रगति समय के अनुरूप चल रही है, राम चबूतरा यानी प्लिंथ के निर्माण में ग्रेनाइट स्टोन लग रहा है।
इसके लिए राजस्थान में भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर से 17000 ग्रेनाइट स्टोन अयोध्या पहुंच चुके हैं। जिसमें प्लिंथ में ग्रेनाइट पत्थर लगाए जाएंगे। दूसरी लेयर का काम चल रहा है। रोज 80 से 100 पत्थर लगाए जा रहे हैं। बंशी पहाड़पुर के पत्थरों के बारें में कहा जाता है कि इसकी गुणवत्ता काफी अच्छी है। साथ ही यह लंबे समय तक चमकता रहता है।
चंपत राय ने बताया कि 2023 में गर्भ गृह में रामलला को स्थापित कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य है। मई और जून के बाद गर्भ गृह का बंशी पहाड़पुर के पत्थर से निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। राम मंदिर की सुरक्षा हाईटेक होगी।
धर्म-अध्यात्म के साथ शिक्षा और संस्कार का मंदिर होगा
अयोध्या का राम मंदिर 161 फीट ऊंचा और 350 फीट लंबा होगा, जबकि उसकी चौड़ाई 255 फीट होगी। एक साथ एक लाख श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए प्रवेश दिया जा सकेगा। श्रद्धालुओं के विश्राम और प्राथमिक चिकित्सा सहित सभी मूलभूत सुविधाएं 108 एकड़ विशाल राम मंदिर परिसर में मौजूद रहेंगी। भक्तों को श्रीराम से जुड़े साहित्य और मूर्तियों के माध्यम से सम्पूर्ण रामायण देखने की सुविधा भी मिलेगी। कुल मिलाकर श्री राम मंदिर धर्म-अध्यात्म के साथ शिक्षा और संस्कार का देश का बड़ा मंदिर होगा।
ऐसे समझें पांच बिन्दुओं में राम मंदिर की भव्यता
नया प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा और 255 फीट चौड़ा होगा।
161 फीट ऊंचा बनाने को अंतिम रूप दे दिया गया है। पहले 268.5 फीट लंबाई, 140 फीट चौड़ाई और 128 फीट ऊंचाई थी।
क्षेत्रफल अब 84 हजार 600 वर्ग फीट हो गया है। पहले कुल क्षेत्रफल 37 हजार 590 वर्ग फीट था।
शिखर बढ़ने से मंदिर में कुछ बदलाव भी हुए हैं। पहले अग्रभाग, सिंहद्वार,नृत्य मंडप, रंगमंडप के बाद गर्भगृह था। अब गर्भगृह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा।
दाएं-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा।
-एजेंसियां
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