फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ और प्रचारकों का खिसकता आधार..

अन्तर्द्वन्द

भक्तों की भीड़ में एक भगवा फिल्म, ‘द केरला स्टोरी’ की बड़ी चर्चा है। कांग्रेस नेता और केरल की राजधानी थिरुवनंतपुरम से सांसद, शशि थरूर ने कहा है कि यह ‘आपके’ केरल की कहानी हो सकती है हमारे ‘केरल’ की कहानी नहीं है। मुझे लगता है कि कोई सामान्य फिल्म होती और मकसद फिल्मी ही होता तो इस ट्वीट पर एतराज या प्रतिक्रिया का कोई कारण नहीं हैं। थिरुवनंतपुरम से सांसद, पूर्व नौकरशाह, राजनयिक, लोक सेवक, राजनीतिज्ञ, लेखक और बुद्धिजीवी के साथ-साथ मौजूदा सांसद होने के नाते अपनी राय रखने का उन्हें हक है और यह स्वाभाविक भी है।

 

इसपर उनका एक पुराना ट्वीट नए ट्वीट के साथ शेयर किया जा रहा है और इसे बाकायद अब और तब के रूप में पेश किया गया है। इसका उल्लेख करके मैं यह रेखांकित करना चाह रहा हूं कि मामला सामान्य नहीं है और किसी भी सामान्य फिल्म पर यह सामान्य प्रतिक्रिया और पुराना ट्वीट इसमें मुद्दा नहीं है जिसे शशि थरूर ने भी स्पष्ट कर दिया है। आइए, पहले उसे देख लीजिये, फिर बताउंगा कि प्रचारक कितना परेशान हैं और समझने की कोशिश कीजिए कि ऐसा क्यों होगा? मुझे तो लगता है, कारण यही होगा कि फिल्म के जरिए ‘वे’ जो साबित करना चाहते हैं वह अभी ही संदिग्ध लग रहा है।

शशि थरूर ने अपने स्पष्टीकरण (वाले ट्वीट) में लिखा है, 2021 के मेरे इस ट्वीट को बहुत लोग ऐसे फैला रहे हैं जैसे यह, द केरला स्टोरी के ट्रेलर और प्रचार के प्रति मेरे मौजूदा एतराज को कमजोर करता है। जी हैं, उस समय केरल की तीन मांओं ने मुझसे संपर्क किया था और मैं चौथी के बारे में जानता था और मैं उनकी बेटियों के रैडिकलाइजेशन को लेकर अपनी चिन्ता के बारे में मैं खुला था या मेरी राय स्पष्ट थी। पर चार मामले 32,000 के मुकाबले बहुत कम हैं जिनकी चर्चा फिल्म निर्माता कर रहे हैं।

अगर वास्तव में केरल से आईएसआईस की महिला सदस्यों की संख्या इतनी ज्यादा है तो इसका मतलब होगा कि उनके पतियों को मिलाकर संख्या दूनी हो जाएगी जबकि पश्चिमी खुफिया एजेंसियां भी कहती हैं कि आईएसआईएस में में सभी भारतीयों की संख्या तीन अंकों में भी नहीं पहुंचती है यानी अधिकतम 99 हो सकती है। केरल की वास्तविकता को इस तरह बहुत बढ़ा-चढ़ा कर और गलत ढंग से पेश किया गया है जिसका मैं विरोध कर रहा था। कहने की जरूरत नहीं है कि थरूर का विरोध जायज है और उनके पुराने ट्वीट का सहारा लेना अनुचित।

पर बात इतनी ही नहीं है, फिल्म पर रोक को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। शशि थरूर ने उस पोस्टर को शेयर किया जिसमें कहा गया था कि अगर इसकी कहानी सही साबित होती है तो 1 करोड़ दिया जाएगा। शशि थरूर ने साथ ही लिखा कि 1 करोड़ पाने का सही मौका है बस इसे साबित करना होगा। अब विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर जवाब में लिखा, ‘डियर मिस्टर शशि थरूर एंड कंपनी, अगर आप किसी फिल्म को देखे बिना हमला करते हैं तो आप न तो एक ईमानदार-निष्पक्ष व्यक्ति हैं और न ही फ्री स्पीच और लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं।’ कहने की जरूरत नहीं है कि इस फिल्म समर्थकों की घबराहट साफ होती है।

साभार- संजय कुमार सिंह जी