आगरा। मथुरा रोड पर ग्राम सींगना पर स्थित आगरा ट्रेड सेंटर में फुटवियर मैन्युफैैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट चैम्बर (एफमेक) के तीन दिवसीय फुटवियर मेले मीट एट आगरा के दूसरे दिन तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। देश ही नहीं, विभिन्न देशों से आए विशेषज्ञों ने उद्यमियों, फैक्ट्री स्टाफ और तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राओं को नई तकनीकी जानकारियां दीं।
मेले में भारत सहित 45 देशों के जूता उद्यमियों और उनके प्रतिनिधियों ने 225 स्टालों के माध्यम से अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया है। इनमें लैदर के विभिन्न शेड, एडहेसिव, जूता सोल, एसेसिरीज, मशीनरी के स्टाल शामिल हैं। फरीदाबाद से आए पल्प पैकेजिंग के प्लांट हेड केतन ने बताया कि इको फ्रेंडली शू-इंसर्ट तैयार किए जा रहे हैं। ये तैयार जूते के अंदर लगाए जाते हैं, जिससे वे नीचे न दबें। अभी तक इसके लिए कागज, प्लास्टिक, थर्माकोल का प्रयोग होता है।
मीट एट आगरा में आने वाले प्रमुख देशों में जापान, स्पेन, इटली, जर्मनी, वियतनाम, इंडोनिशिया आदि हैं। टर्की, अर्जेंटीना, बैंकाक पहली बार आए हैं।
चीन को पछाड़ चुका है भारत का जूता उद्योग
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर के अनुसार आगरा के जूता उद्योग ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बड़ा काम किया है। हम जूता निर्माण ही नहीं है, शू कंपोंनेट और मशीनरी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य कर रहे हैं। कोविड में रफ्तार बिगड़ी, निर्यात घटा था, जिसको फिर से पटरी पर ले आए हैं। अब बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
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