यूपी विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमलावर नजर आए। योगी ने कहा- “नेता प्रतिपक्ष को बताना चाहूंगा कि आज गोबर से अगरबत्ती, धूपबत्ती भी बनती है। अगर पूजा करते तो जरूर जलाते। नेता प्रतिपक्ष अगर गोसेवा करते होते तो भाषण में भी दिखाई देता, लेकिन शायद भैंस वाले दूध का असर भाषण पर ज्यादा दिखाई दिया। गाय का कम दिखाई दे रहा है।
योगी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि “नेता प्रतिपक्ष ने एक बात कही थी कि उन्होंने अपने समय में एक स्कूल का दौरा किया था। बच्चों से पूछा मैं कौन हूं, तो बच्चे ने कहा- राहुल गांधी। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उसने सोच-समझकर ही कहा होगा। फर्क बहुत ज्यादा नहीं है। इतना है कि राहुल गांधी देश के बाहर देश की बुराई करते है और आप यूपी के बाहर यूपी की बुराई करते हैं।”
योगी ने दुष्यंत कुमार का शेर पढ़ा
योगी ने कहा- “नेता प्रतिपक्ष उस दिन ऐसे मुद्दे पर आ गए जिसका बजट से संबंध नही था। ऐसी बातें बोल रहे थे जिसका खामियाजा प्रदेश अतीत में भुगत चुका है। ऐसे में दुष्यंत कुमार की पंक्तियां याद आ गईं- “कैसे मंजर सामने आने लगे हैं और गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं…।”
योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भाषण में एक तरफ किसान की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू आ रही थी। टीम यूपी के रूप में सामूहिक प्रयास हुए। उत्तर प्रदेश के बारे में दुनिया में लोगों का विश्वास बढ़ा है।”
70 वर्षों में यूपी को कहां ले गए
योगी ने कहा- “मजबूत इरादों के दम पर कोरोना को भी उत्तर प्रदेश से दुम दबाकर भागना पड़ा। पिछली सरकारें परिणाम नहीं दे पाईं। फर्क साफ है। आप समस्या के बारे में सोचते हैं। हम समाधान के बारे में सोचते हैं। समस्या के बारे में दस बहाने मिल जाते हैं। समाधान में दस रास्ते मिल जाते हैं। यही फर्क साफ है। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। उत्तर प्रदेश का पहला बजट 1947 में जब आया तो वो कुल 103 करोड़ का था। उस समय प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय 259 रुपए थी। प्रदेश की GDP 1,628 करोड़ थी। इसके बाद से देश ने एक लंबी यात्रा तय की। 75 वर्षों में हम खो गए। 70 वर्षों में यूपी को कहां ले गए।”
अखिलेश ने बजट को बताया था बंटवारा
सोमवार को विधानसभा में बजट पर अपनी बात रखते हुए अखिलेश यादव ने कहा, यह बजट नहीं बंटवारा है। भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र और बजट में कोई मेल नहीं है। न किसानों की आमदनी दोगुनी हुई और न गरीबों को 2022 तक घर मिले।
इससे पहले शनिवार को सदन में बजट पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था। योगी ने कहा था कि हमने कभी ढिंढोरा पीटकर यह नहीं कहा कि हमने मेट्रो चलवा दी। स्मार्ट सिटी बना दी। जनता जानती थी कि कौन निवेश ला रहा है, राशन कौन दे रहा है। इसीलिए 37 सालों बाद कोई सरकार वापस आई है। पिछली सरकारें जन-आकांक्षाओं को पूरा क्यों नहीं कर पा रही थीं। इस बारे में सोचना चाहिए।
-एजेंसियां