आगरा: एंथम प्रोजेक्ट पर लग सकता है ग्रहण, आवास आयुक्त ने प्रमुख सचिव से जांच कराने को लिखा पत्र

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आगरा: जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले में योगी सरकार सख्त है। एंटी टास्क फोर्स भी बनाई गई। शिकायत करने पर कार्यवाही भी होती है लेकिन आवास विकास में करोड़ों की जमीन घोटाले में योगी सरकार की सरकारी मशीनरी भी कुछ नहीं कर पाई है। पीड़ित लगातार स्थानीय स्तर से लेकर शासन तक शिकायत कर चुका है। यहाँ तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात कर करोड़ो की जमीन को धोखाधडी से अपने नाम कराना और उस जमीन को कौड़ियों के भाव में लेने की भी शिकायत की जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जांच के आदेश दिये लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है।

ये है मामला

713/714 स्थित मौजा गैलाना भूमि प्रकरण मामला किसी से छिपा नहीं है। यह प्रकरण लगातार सुर्खियों में रहा है। क्योंकि इस भूमि को भारत नगर हाउसिंग जो कि ओपी चैन्स ग्रुप की कंपनी है, उसके मालिकों ने धोखाधड़ी के माध्यम से भारत नगर गृह निर्माण समिति की जमीन को कब्जा लिया था। इस पूरे मामले में भारत नगर गृह निर्माण समिति के सह सचिव योगेश महाजन लगातार शिकायत करते रहे लेकिन स्थानीय स्तर से लेकर शासन तक कोई सुनवाई नहीं हुई। समिति के सह सचिव योगेश महाजन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगरा आगमन पर मुलाकात की और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस प्रकरण से अवगत कराकर शिकायती पत्र सौंपना पड़ा।

भारत नगर गृह निर्माण समिति के सह सचिव इस पूरे मामले को लेकर अभी तक आईजीआरएस में 35 शिकायत कर चुके हैं लेकिन शिकायत आवास विकास स्थित एक बड़े जमीन घोटाले से जुड़े होने और इसमें कई बड़े लोगों के शामिल होने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई है लेकिन मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद इसमें उच्च स्तरीय जांच का जबाब मिला है। आइजीआरएस शिकायत संख्या 12146210114842 पर हुई कार्यवाही हुई है।

आवास आयुक्त अजय चौहान ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र लिखकर इस संबंध में शासन स्तर से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि परिषद की सिकंदरा योजना आगरा में भारत नगर हाउसिंग सोसायटी को भूमि आवंटन की शिकायत के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए परिषद के पत्र संख्या 1650/अनुशा0-89/2017(3242) दिनांक 10/6/2020 (प्रति संलग्न) द्वारा प्रकरण में शिकायतें मुख्यमंत्री के संदर्भ से आच्छादित होने तथा प्रकरण में शिकायतें विभिन्न स्तरों पर बड़ी धनराशि का वचन संभावित होने की दृष्टि से इस संबंध में शासन स्तर से जिसमें परिषद का कोई अधिकारी सम्मिलित न हो, विस्तृत जांच करवाकर कार्रवाई करने वस्तु स्थिति से अवगत होते हुए उक्त आईजीआरएस शिकायत निक्षेपित कराने का कष्ट करें का अनुरोध किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर आवास आयुक्त अजय चौहान ने भी प्रमुख सचिव आवास को पत्र लिखा है।

बढ़ेगी भारत नगर हाउसिंग की मुश्किलें

योगेश महाजन का कहना है कि आईजीआरएस शिकायत पर जांच शुरू हो जाने पर भारत नगर हाउसिंग को बड़ा झटका लगेगा तो वहीं भारत नगर हाउसिंग के आवास विकास में एंथेला व एंथम प्रोजेक्ट भी रुक सकता है। इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट भारत नगर हाउसिंग के मोहित गोयल की याचिका को रद्द कर उसकी मुश्किलें बढ़ा दी है। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने स्टे दिया और काम रुकवाने के आदेश के साथ ही 30/5/2019 अर्पित व अर्चित महाजन को भी पक्षकार बनाया। भारत नगर हाउसिंग के मोहित अग्रवाल इस स्टे के खिलाफ ही हाई कोर्ट गए लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी अपील ठुकरा दी बल्कि न्यायालय सिविल जज सीडी आगरा को इस मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है।

सपा सरकार में हुआ यह पूरा खेल

1980 के करीब भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा 36.7 एकड़ जगह ककरैठा व गैलाना में किसानों से खरीदी गई। इसका उद्देश्य गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, कॉलेज और कॉलोनी का निर्माण था जिससे पंजाबी व सिख समाज के साथ शहर के लोगों को लाभ मिल सके लेकिन जगह आवास विकास की अधिग्रहण योजना में शामिल होने के कारण भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति की योजना कार्यान्वित नहीं हो सकी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, गृहमंत्री बूटा सिंह, मुख्यमंत्री एनडी तिवारी से समिति के प्रतिनिधि संत बाबा साधू सिंह मोनी व योगेश महाजन अन्य सदस्यों के साथ मिले जिससे 2/4/1994 में आवास विकास के साथ सेटलमेंट हुआ जिसमें समिति को लगभग 50 करोड विकास शुल्क देना था। जिसके कारण अनुबंध पूरा नहीं हो सका लेकिन तत्कालीन सपा सरकार के सहयोग से अपने आवास विकास के साथ सांठगांठ कर 166.10 करोड़ में 144869 स्क्वायर मीटर जगह नीलामी में ले ली। इस जगह को आवास विकास ने किराया क़िस्त किरायेदारी अनुबंध के रूप में ग्रुप को 75 माह की 25th मासिक किस्तों में दी जो 1 फरवरी 2017 से प्रारंभ होकर 30 मई 2023 को समाप्त होगी।

हुआ ये बड़ा खेल!

शिकायतकर्ता का कहना है कि भारत नगर हाउसिंग और आवास विकास की सांठगांठ और धोखाधड़ी इस मामले से ही प्रतीत हो जाती है कि जब क्षेत्र में 35000 वर्ग मीटर भूमि का रेट चल रहा है तो आवास विकास उस भूमि को 11466 वर्ग मीटर के हिसाब से कैसे नीलम कर सकता है। उच्च न्यायालय के सामने तो सबसे बड़ा सवाल यह भी है जिसका जवाब आज तक आवास विकास नहीं दे पाया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष कार्रवाई हो तो आवास विकास के भी कई सफेदपोश अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है, इसीलिए तो इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाला हुआ है।

बताया गया कि इस प्रस्ताव में 3200 वर्ग मीटर भूमि गुरुद्वारा गुरु का ताल को दी है 144869 वर्ग मीटर भूमि का कब्जा बिना किसी अनुतोष के समिति ने शोभिक गोयल को दे दिया जिसके लिए आवास विकास परिषद, प्रशासन व पुलिस वर्षों तक नहीं ले पाई। 3200 वर्ग मीटर समिति की भूमि 144 869 वर्ग मीटर भूमि के कब्जे के बदले समिति को न देकर गुरुद्वारे को भूमि दी गई।

-एजेंसी