MCD में हुए भ्रष्टाचार को लेकर परदा डालने के लिए दिल्ली की एक कोर्ट ने केजरीवाल सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि वो (आप सरकार) खुद कहते हैं कि इन्फेक्शन दूर करने का सबसे अच्छा तरीका सूरज की रोशनी होती है। लेकिन हमें उस समय दुख होता है जब वो कंकाल को रोशनी में लाना ही नहीं चाहते। दरअसल, कोर्ट एमसीडी में हुए एक घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी। इसमें कारपोरेशन के एक अधिकारी ने रिवीजन पिटीशन दाखिल की थी लेकिन अदालत ने इसे सिरे से खारिज करते हुए सरकार को ही खरी खोटी सुना दी।
एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है जिससे मामले को ही दबाया जा सके। उनके वकील कहते हैं कि इस मामले को और ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है लेकिन कोर्ट को ऐसा बिलकुल नहीं लगता। कोर्ट ने एमसीडी के 2017-18 के करप्शन मामले में अपने उस आदेश को वापस लेने से मना कर दिया जिसमें दिल्ली पुलिस को आदेश दिया गया था कि वो केस दर्ज करके मामले की गहन छानबीन करे और भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों और नेताओं को सामने लाए।
कोर्ट का कहना था कि Additional Public Prosecutor हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं कि मामले पर परदा डाला जा सके, लेकिन ऐसा होने नहीं वाला है। अदालत की तल्खी इतनी ज्यादा थी कि उसने यहां तक कहा कि सरकार करप्शन पर संजीदा ही नहीं है। उसे Special Public Prosecutor की नियुक्ति करके मामले पर पड़ी धुंध को हटाना चाहिए था लेकिन वो तो इसे और ज्यादा दबाना चाहती है।
कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि एक सीनियर अधिकारी इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किया जाए जो इसकी तह में जाकर सारे तथ्यों को सामने रखे। कोर्ट का कहना था कि उसे लगता है कि 2017-18 के इस मामले को पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाए।
Compiled: up18 News