केंद्र सरकार ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप को सिरे से खारिज किया है। हाल के दिनों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और अब शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के कामकाज में सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती और वे अपना काम रही हैं।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच राज्यसभा में सदन के नेता गोयल ने यह भी कहा कि जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है।
गोयल ने कहा, ‘हम लोग (संसद सदस्य) कानून बनाने वाले लोग हैं और जो लोग कानून तोड़ते हैं वह उसका खामियाजा भुगतते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आग्रह करूंगा कि कानून को अपना काम करने दें। कानून लागू करने वाली एजेंसियों के कामकाज में सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं।’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में शिवसेना नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत को रविवार को गिरफ्तार किया। शिवसेना सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य राउत की गिरफ्तारी के मद्देनजर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर उच्च सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। पार्टी की सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया था।
हंगामे के कारण शून्यकाल नहीं हो सका और पहली बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे कार्यवाही आरंभ हुई तो सदन में वही नजारा देखने को मिला। हंगामे के बीच ही गोयल ने महत्वपूर्ण विधायी कामकाज होने का हवाला देते हुए विपक्षी सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे और आज लोकसभा में इस पर चर्चा होनी है जबकि मंगलवार को राज्यसभा में होनी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने हमें आश्वस्त किया है कि चर्चा की तारीख तय होते ही वह सदन में कामकाज होने देंगे।
-एजेंसी
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