केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में कभी भी चुनाव कराने को तैयार है लेकिन अभी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा वापस मिलने की कोई सटीक टाइमलाइन नहीं बतायी जा सकती.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने के लिए ज़रूरी कदमों को पहले ही धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है लेकिन अभी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं दी जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने का सरकार का रोडमैप क्या है.
इस सवाल के जवाब में गुरुवार को केंद्र सरकार ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है. हम जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं दे सकते, लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है.”
इसके साथ ही सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में कभी भी चुनाव के लिए तैयार है.
चीफ़ जस्टिस डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पंचायत चुनाव और निकाय चुनावों के बाद कराए जाएंगे.
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये राज्य और केंद्रीय चुनाव आयोग के ऊपर है कि वो कब ये चुनाव कराएंगी.
Compiled: up18 News