असम-अरुणाचल के बीच 50 साल पुराना सीमा विवाद खत्म, गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के सीएम ने किये सीमा समझौते पर हस्ताक्षर

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असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच 50 साल से चला आ रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया। असम और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दोनों राज्यों के बीच अंतरराज्यीय सीमा विवाद के निपटारे के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने गुरुवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

असम और अरुणाचल के बीच 800 किलोमीटर भूमि तनाव का कारण थी। मामला अदालतों तक भी पहुंचा, कई सरकारें भी आई गईं लेकिन मामला जस का तस रहा। आज गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम और अरुणाचल प्रदेश के सीएम ने एमओयू साइन कर मामले का पटाक्षेप कर दिया।

असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच 804 किलोमीटर की सीमा में बसे 123 गांवों का लेकर विवाद था। इसमें से 36 गांवों का समझौता पहले ही हो चुका है। अब 87 गांवों की सीमा के विवाद पर गुरुवार का समझौता हुआ। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच बॉर्डर को लेकर लड़ाई 50 साल से चल रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लंबे ने समय से लंबित अंतरराज्यीय सीमा विवाद के निपटारे के लिए असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने पर कहा कि दोनों राज्यों के बीच अंतरराज्यीय सीमा विवाद के समाधान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज हमने एक विकसित, शांतिपूर्ण और संघर्ष-मुक्त पूर्वोत्तर की स्थापना के लिए मील का पत्थर पार कर लिया है।

अमित शाह ने असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा समझौते को “ऐतिहासिक” घटना बताया। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दशकों पुराने विवाद खत्म हो गए हैं। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, सीमा समझौता “बड़ा और सफल” क्षण। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच 1972 से सीमा विवाद था। आज हमने सभी विवादों को बातचीत के जरिये सुलझा लिया है। गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से यह विवाद सुलझ गया है, यह एक मील का पत्थर साबित होगा।

असम कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश के साथ दशकों से चल रहे सीमा विवाद के मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार की गठित 12 क्षेत्रीय समितियों द्वारा दी गई सिफारिशों को बुधवार (19 अप्रैल) को मंजूरी दी थी। कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए असम के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा था कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद का मुद्दा सुलझने जा रहा है।