राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने जम्मू-कश्मीर कोएलिशन ऑफसिविल सोसाइटी के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर ख़ुर्रम परवेज़ को गिरफ्तार कर लिया है.
ये गिरफ़्तारी एनजीओ के टेरर फंडिंग केस के मामले में हुई है. ख़ुर्रम को कथित तौर पर कश्मीर का मानवाधिकार कार्यकर्ता बताया जाता है.
दो दिन पहले एक कश्मीरी पत्रकार इरफ़ान मेहराज की गिरफ़्तारी भी टेरर फंडिंग केस में हुई थी.
परवेज़ जेल में नवंबर 2021 से हैं. ये कैद राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों के आने-जाने से जुड़ी जानकारी मुहैया करवाने के मामले में हुई थी.
बीते साल मई में ख़ुर्रम समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
ख़ुर्रम के बारे में कुछ अहम बातें
ख़ुर्रम परवेज़ जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ़ सिविल सोसाइटी (जेकेसीसीएस) नाम की एक ग़ैर-सरकारी संस्था का प्रोग्राम कोर्डिनेटर है.
इस संस्था ने पिछले तीन दशकों से कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं पर आधारित कई रिपोर्ट जारी की हैं.
इन रिपोर्टों में जेकेसीसीएस ने कश्मीर में कथित तौर पर हुए मानवाधिकार उल्लंघन, हिरासत में दी गईं कथित प्रताड़ना, लापता लोगों, हत्या और गिरफ़्तारियों से जुड़ी थीं.
साल 2020 में भी इस संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संदिग्ध क़ानूनी फ़्रेमवर्क की आड़ में सरकार जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी लगा रही है.
जेकेसीसीएस के प्रोग्राम कोर्डिनेटर के अलावा ख़ुर्रम फ़िलीपींस स्थित एशियन फ़ेडरेशन अगेंस्ट इन्वॉलन्ट्री डिसपियरेंस (एएफ़एडी) का चेयरपर्सन भी था.
Compiled: up18 News