ताइवान तथा चीन के बीच तनाव के मद्देनजर दुनिया की नजरें इस ओर टिकी हैं कि अगले कुछ दिनों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कौन सी घटना होने वाली है क्योंकि चीन की सेनाओं ने ताइवान के करीब मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है और अब माहौल ज्यादा तनावपूर्ण होने की आशंका है। इन सबके बीच ही ताइवान की जनता क्या कर रही है, ये जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ताइवान के अंदर का माहौल सामान्य है और शायद जनता को चीन की धमकियों से डर नहीं लग रहा है.
रोजमर्रा के काम में बिजी जनता
चीन की सेनाओं ने ताइवान के करीब मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है। बुधवार को चीन के 27 फाइटर जेट्स ताइवान की सीमा में दाखिल हुए थे और इसकी वजह से माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था लेकिन ताइवान के अंदर माहौल काफी सामान्य है। ताइवान की सीनियर जर्नलस्टि टिंगटिंग लि यहां पर मिलिट्री और विदेशी मामलों को कवर करती हैं। उन्होंने यहां के माहौल के बारे में जानकारी दी है।
लि ने बताया है कि गुरुवार स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे चीन की पीएलए फोर्सेज मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू करने वाली हैं लेकिन आम जनता के बीच माहौल काफी सामान्य है। कुछ लोग काफी अलर्ट हैं और हर खबर पर नजर रख रहे हैं, तो कुछ लोग अपने रोजमर्रा के कामों में बिजी हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो काफी उत्सुक हैं और वो ये जानने के लिए बीच की तरफ गए हैं कि कहीं उन्हें चीनी नौसेना का कोई जहाज या कोई हथियार देखने को मिल जाए।
सर्वे में क्या कहा जनता ने
साल 2020 में एक सर्वे हुआ था जिसमें ताइवान की जनता की राय चीन के साथ तनाव पर मांगी गई थी। प्यू रिसर्च की तरफ से हुए एक सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई थीं। इस सर्वे में करीब दो तिहाई ताइवानी जनता ने अमेरिका के लिए अपना समर्थन जताया था। वो चाहते थे कि अमेरिका के साथ और ज्यादा व्यापारिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाना चाहिए। सिफ 23 फीसदी ताइवानी जनता ने चीन के साथ सहयोग की बात कही थी।
ताइवान-चीन के बीच हालात खतरनाक
बुधवार को ग्लोबल टाइम्स की मानें तो ये युद्धाभ्यास एक असाधारण युद्धाभ्यास है जिसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान में 12 नॉटिकल मील यानी 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। सेनाएं इस युद्धाभ्यास में मेडियन लाइन को पार करेंगी और ताइवान को चारों तरफ से घेरेंगी।
पीएलए का मकसद ताइवान को दबाव में लेकर उस पर पूरी तरह से नियंत्रण लेना है। चीन ने इसी तरह की मिलिट्री ड्रिल साल 1995 और 1996 में भी की थी। ग्लोबल टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि पीएलए एक महत्वपूर्ण मिलिट्री एक्सरसाइज और ट्रेनिंग एक्टिविटीज को भी अंजाम देगी। इसमें लाइव फायर ड्रिल्स होंगी जो 6 बड़े मैरिटाइम इलाके में की जाएंगी। साथ ही चीन की सेना रविवार तक ताइवान के एयरस्पेस को चारों तरफ से घेरेगी।
-एजेंसी