सिलिकॉन वैली बैंक के अचानक ढहने से टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में दहशत फैल गई है। लगभग साल भर से गिरावट झेल रहे क्रिप्टो कंपनियों के अधिकारियों और निवेशकों ने इस मौके पर उपदेश झाड़ना और निशाना साधना शुरू कर दिया है। क्रिप्टो समर्थकों ने इसके लिए केंद्रीकृत बैंकिंग सिस्टम को दोषी ठहराया है। उनकी दलील है, क्रिप्टो कंपनियों के खिलाफ कदम उठाने वाले सरकारी नियामकों ने बैंक डूबने के बीज बोए हैं। बड़े बैंकों से अलग वैकल्पिक फाइनेंशियल सिस्टम का हमारा सपना बेहतर है।
क्रिप्टो कंपनी एपटॉस लैब्स के एरिक वूरहीस कहते हैं, यह मौका थोड़ा ठहरकर फाइनेंशियल सिस्टम के विकेंद्रीकरण का है। लेकिन एक प्रमुख क्रिप्टो कंपनी ने जब बताया कि सिलिकॉन वैली बैंक में उसके करोड़ों रुपए फंसे हैं तो लहजा जल्द बदल गया। तथाकथित स्टेबल कॉइन के मूल्य में गिरावट से बाजार में हलचल मच गई। कुछ टेक्नोलॉजी निवेशकों का कहना है कि क्रिप्टो कंपनियों के धराशायी होने से दहशत फैली है। इसके साथ सिलिकॉन वैली बैंक में संकट की शुरुआत हुई है। अकाउंट में घोटाले के बाद नवंबर में क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स बंद हो गया।
कुछ विश्लेषकों का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी से निकट संबंध रखने वाले सिल्वरगेट कैपिटल बैंक द्वारा पिछले सप्ताह कारोबार समेटने की शुरुआत के बाद सिलिकॉन बैंक ने संकट और गहरा कर दिया है। दोष मढ़ने का खेल टेक इंडस्ट्री में गुटबाजी का संकेत है। इंडस्ट्री में संभावनाशील कंपनियां और ट्रेंड आते-जाते रहते हैं और संकट का इस्तेमाल अपना एजेंडा आगे बढ़ाने में होता है।
सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने पर क्रिप्टो समर्थकों ने अस्थिरता के लिए परंपरागत वित्तीय सिस्टम को दोषी करार दिया है। कुछ निवेशकों ने सोशल मीडिया पर फैले भय को कारण बताया है। कुछ ने आर्थिक नीतियों के लिए सरकार की आलोचना की है तो कुछ का कहना है, बैंक का प्रबंध कमजोर था। साल भर से टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री उलटफेर के दौर से गुजर रही है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य जमीन पर आ गए। टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट हुई है। सिलिकॉन वैली बैंक ने बुधवार को बताया कि उसे 16 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। उसने पैसा लौटाने के लिए अपनी संपत्ति बेचने की घोषणा की थी। इस खबर के साथ टेक इंडस्ट्री में भय फैल गया। नई कंपनियां बैंक से अपना पैसा निकालने में जुट गईं हैं।
क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री में एक और बड़ी गिरावट की आशंका
बड़े बैंक कानूनी अनिश्चितताओं के कारण क्रिप्टो कंपनियों के साथ लेनदेन नहीं करते हैं। एक अपवाद स्टेबल कॉइन जारी करने वाली कंपनी सर्किल है। कंपनी ने बताया, उसके 27 हजार करोड़ रुपए सिलिकॉन बैंक में जमा हैं। अन्य अस्थिर क्रिप्टोकरेंसियों की बजाय स्टेबल कॉइन-यूएसडीसी का मूल्य एक डॉलर पर स्थिर था। उलटफेर के बाद स्टेबलकॉइन का मूल्य एक डॉलर से नीचे आ गया। इसके साथ क्रिप्टो इंडस्ट्री में एक और गिरावट की आशंका बढ़ गई है। शुक्रवार को दिग्गज क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने बाजार में अस्थिरता का जिक्र करते हुए यूएसडीसी और अमेरिकी डॉलर के बीच लेनदेन बंद कर दिया।
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