ड्रोन लाइसेंस प्राप्त करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी TAS

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ड्रोन भारत के डिफेंस ऑपरेशंस को बदलने के लिए तैयार हैं। सरकार उनके विकास और खरीद में निवेश कर रही है।

खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है, जो दुश्मन की ताकत के बारे में रियल टाइम डेटा देते हैं। सटीक-निर्देशित हथियारों से लैस ड्रोन पकड़ में आए बिना दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकता है। इससे नुकसान की आशंका भी कम हो जाती है। सीमा सुरक्षा, खदान युद्ध, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और लॉजिस्टिक सपोर्ट में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारत सरकार के पर्याप्त निवेश और कार्यक्रम से स्वदेशी ड्रोन प्रौद्योगिकियों के विकास को गति मिल रही है। इस बदलाव से सैन्य संचालन को और अधिक कुशल बनाने, युद्ध की प्रकृति को बदलने और उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे भारतीय रक्षा में ड्रोन के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी। इस स्टॉक में महत्वपूर्ण खरीदारी गतिविधि देखी गई है और इसने पिछले तीन साल में 718% से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

Compiled: up18 News