तमिलनाडु सरकार नहीं चाहती थी कि लावण्या मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो: निधि त्रिपाठी

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आगरा:  तमिलनाडु के तंजावुर जिले में सैक्रेड हार्ट्स हाई सेकेंडरी स्कूल की छात्रा लावण्या की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जेल से रिहा होने के बाद पहली बार आगरा पहुंची। वह केरला एक्सप्रेस के आगरा होते हुए दिल्ली जा रही थी। केंद्र से उनके दिल्ली जाने की सूचना पर एबीवीपी के कार्यकर्ता भारी संख्या में आगरा कैंट स्टेशन पहुंच गए और एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी का जोरदार स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। कार्यकर्ता द्वारा किये गए स्वागत से राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी काफी उत्साहित नजर आई और सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान निधि त्रिपाठी पत्रकारों से भी रूबरू हुई।

पत्रकारों से रूबरू होते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी तमिलनाडु सरकार पर हमलावर होते हुए दिखाई दी। उनका कहना था कि लावण्या जोकि तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित सैक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा थी, उसे कथित मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण के लिए बाध्य किया गया। वह धर्मांतरण नहीं चाहती थी और इसके विरोध में थी। इसके लिए उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था जिसके बाद 19 जनवरी को लावण्या ने विद्यालय परिसर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

तमिलनाडु सरकार पर हमलावर होते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि लावण्या को इंसाफ दिलाने के लिए जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के घर के बाहर प्रदर्शन किया गया तो तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यह तमिलनाडु सरकार की तानाशाही थी। वह नहीं चाहती थी कि लावण्या मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। इसीलिए इस मामले को दबाया जा रहा था लेकिन तमिलनाडु सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा, जब तक लावण्या को इंसाफ नहीं मिलता।

निधि त्रिपाठी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में छात्रों के धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके खिलाफ विद्यार्थी परिषद लगातार अभियान चलाती रहेगी। निधि त्रिपाठी ने बताया कि वह राज्य सरकारों से अपील करती है कि सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराएं जिससे छात्र सीधे तौर पर तथाकथित धर्मांतरण और मतांतरण के खिलाफ राज्य सरकार को अवगत करा सकें।