सुंदर अर्थ वाली चौपाई- बाँधा सेतु नील नल नागर, राम कृपाँ जसु भयउ उजागर

बाँधा सेतु नील नल नागर। राम कृपाँ जसु भयउ उजागर। बूड़हिं आनहि बोरहिं जेई। भए उपल बोहित सम तेई॥ भावार्थ : चतुर नल और नील ने सेतु बाँधा। श्री रामजी की कृपा से उनका यह (उज्ज्वल) यश सर्वत्र फैल गया। जो पत्थर आप डूबते हैं और दूसरों को डुबा देते हैं, वे ही जहाज के […]

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