सुख एवम दुख पूर्वजन्म के कर्मों का परिणाम है: जैन मुनि डॉ. मणिभद्र

आगरा, (विवेक कुमार जैन)। जिस दिन हम यह स्वीकार कर लेंगे कि हमें जीवन में जो दुख सुख मिल रहा है वह मेरे स्वयं के कर्मों का परिणाम है और हमें इसे भोगना पड़ेगा।दशांग सूत्र के पहले अध्याय में कहा गया है की हमें जो सुख मिल रहा है , आनंद की अनुभूति हो रही […]

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