कलम की ताकत से आज भी घबराते हैं तानाशाह…

एक अकेले रवीश की आवाज दबाने के लिए क्या-क्या जुगत न लगाए गए! चैनल पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हुई, प्रमोटर तोड़ने की कोशिश हुई, छापा वापा हुआ, अफवाहें फैलीं और एक उद्योगपति की रखैल बनी यह तानाशाही आखिरकार जीत गई। यह अंत नहीं है, क्लाइमेक्स तो अब भी बाकी है। रवीश कुमार के इस्तीफे […]

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