की अगर नफ़रत से नातेदारी: आज नहीं तो कल, जलेंगे हम सब बारी-बारी!

सांप्रदायिकता में झुलसेगा कोई नेता नही बल्कि घुरहू, जुम्मन, हामिद,कोई रुबिया कोई सीता -रमेश पारस नाथ- नाम से ही जाहिर होता है कि ज्ञानवापी मस्ज़िद नही, मंदिर है। ऐसा ज्ञानवापी को मंदिर मनाने वालो का तर्क है। खैर, ठीक से पढ़े तो यह यह मंदिर नही, शाब्दिक रूप से ‘ज्ञान का कूप या तालाब’ ध्वनित […]

Continue Reading