नाटकीय बंदर बना प्रधान राजा, खुद को प्रचार में कहे महानता ईमानदारी का ‘आजा’
बंदर मेहनत कम दिखावा ज्यादा करता है, अपने कूड़े से भी कार्य को मावा कहता है आप आगे बढ़ें उससे पहले बता दूं की इस ‘प्रपन्चतंत्र’ के सभी पात्र काल्पनिक हैं। किसी जीवित व्यक्ति से मेल महज संयोग या फिर काल्पनिक प्रयोग होगा। -कृष्णकांत- पूरे जंगल में पोस्टर लगा था। पोस्टर में बंदर का चेहरा […]
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