अपना दल (एस) मध्य प्रदेश द्वारा मनाई गई बिरसा मुंडा की जयंती, चित्र पर माल्यार्पण कर किया नमन

इंदौर, 15 नवंबर: अपना दल (एस) के मध्य प्रदेश इकाई द्वारा राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम के नेतृत्व में इंदौर कार्यालय में आदिवासी नायक धरती आभा बिरसा मुंडा की जयंती मनाई गई। इस मौके पर बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर स्वतंत्रता के लिए उनके साहस व संघर्ष और आदिवासी समाज के लिए उनके योगदान […]

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आजकल की शादियाँ दिखावा: रिश्तों की मिठास पर हावी बॉलीवुड की नकल …

देव उठने के साथ ही शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस सीजन में जीवन की नई शुरुआत करने वाले नव दंपतियों को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ…। आने वाले कुछ महीनों तक शहनाइयों की गूंज और शादियों की चमक-दमक बनी रहेगी। आप में से भी ऐसे कई लोग होंगे, जिनके घर शादी […]

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परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमारी एक ही विचारधारा होनी चाहिए कि सब बढ़िया है……

सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर ही जीवन की गाड़ी चलती है। जीवन में जितना सुख आता है उतना ही दुःख भी आता है। फिर भी हम सुख का स्वागत तो खुले दिल से करते हैं लेकिन दुःख का नहीं….। जबकि हम भी जानते हैं कि जीवन में […]

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फेल होना भी है जरुरी….

हर चीज की शुरुआत बचपन से ही होती है। बचपन में सीखी सीख आपको भविष्य के लिए तैयार करती है। इसमें जितना योगदान घर से मिले संस्कारों का होता है उतना ही स्कूली जीवन में मिली सीख का भी होता है। स्कूल से मिली सीख केवल किताबी ज्ञान ही नहीं देती है बल्कि जिंदगी की […]

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अंग्रेजों के खंडित भारत में पहुँच गया 21वीं सदी का इंडिया

एक बार महात्मा गांधी ने कहा था, “सच्चा लोकतंत्र केंद्र में बैठकर राज्य चलाने वाला नहीं होता, बल्कि यह तो प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से चलता है।” इस भावना को समझते हुए देश को कई इकाइयों में बांटा गया। प्रदेश, जिला, ब्लॉक इत्यादि। यह प्रशासनिक व्यवस्था अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए की गई। […]

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अश्लीलता की बाढ़ में बर्बाद होती युवा पीढ़ी

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बढ़ती अश्लीलता, देश के लिए नई चुनौती खड़ी कर रही है… भारतीय संस्कृति में सदाचार, चरित्र निर्माण, विनम्रता, प्रेम, दया, त्याग, और आदर-सम्मान जैसे सद्गुणों को हमेशा से ही प्रमुखता दी गई है। इसके बावजूद, समाज में बढ़ते अपराध और नैतिक पतन की ख़बरें हमें आए दिन देखने, सुनने […]

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क्वालीफाईड होने में पीछे रह गई एजुकेशन

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था,”शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि इसे समाज के हित में उपयोग करना चाहिए।” लेकिन समय के साथ यह धारणा धुंधली होती जा रही है। हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहाँ डिग्री को योग्यता का प्रमाण माना जाता है, लेकिन उस […]

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फायदेमंद गरीबी: आज के समय में गरीब होना जरूरी नही गरीब दिखाई देना जरूर फायदेमंद है…

एक समय था जब स्वयं को गरीब बताना हीन भावना को जन्म देता था लेकिन अब स्वयं को गरीब दर्शाना फायदेमंद हो गया है…. स्वतंत्रता के बाद देश में जातिगत भेदभाव और गरीबी से उत्थान के लिए छात्रवृत्ति, अनुदान और विभिन्न योजनाओं इत्यादि के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने विभिन्न […]

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देश के विकास में सबसे बड़ी चुनौती ‘जनसंख्या विस्फोट’

आजकल जब भी आप अख़बार खोलते होंगे या ख़बरें सुनते होंगे, तो अक्सर एक शब्द सुनाई देता होगा, वह है ‘जनसंख्या विस्फोट’। और सही भी है, आखिरकार हम लोग दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के निवासी बन चुके हैं। 2023 में हमने चीन को पीछे छोड़ दिया, और अब लगभग 142 करोड़ की […]

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आधुनिकता की दौड़ में खोता अपनापन……

भारत हमेशा से “वसुधैव कुटुम्बकम” के सिद्धांत पर विश्वास करने वाला देश रहा है। एक समय भारत ऐसा देश था जहां संयुक्त परिवार जीवन का अभिन्न हिस्सा हुआ करते थे। यह वही देश है जहां तीन-चार पीढ़ियां एक ही छत के नीचे रहा करती थी। हर उम्र के लोग एक दूसरे के साथ हंसी-खुशी के […]

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