टी20 विश्व कप का पहला सेमीफ़ाइनल बुधवार को सिडनी में पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के बीच हो रहा है. जहां न्यूज़ीलैंड ग्रुप एक में सबसे आगे रहकर सेमीफ़ाइनल में आ रही है वहीं पाकिस्तान को यहां तक आने में एक चमत्कार की मदद मिली जब नीदरलैंड्स ने साउथ अफ्रीका को हराकर ग्रुप 2 के समीकरण ही पलट दिए.
अगर आप इन दिनों पाकिस्तानी मीडिया पर नज़र डालेंगे तो वहां के गर्म राजनीतिक माहौल के अलावा जो ख़बर हर जगह छाई हुई मिलेगी वो है पाकिस्तान क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में एंट्री.
यहां तक की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की एक सुनवाई के दौरान भी कोर्ट के एक सीनियर जस्टिस यह कहने से नहीं चूके कि पाकिस्तान का सेमीफ़ाइनल में पंहुचना किसी चमत्कार से कम नहीं और बुधवार को सारे देश के साथ कोर्ट भी खुशखबरी सुनने के लिए उम्मीदवार है.
पाकिस्तानी फ़ैन्स और क्रिकेट एक्स्पर्ट्स टीम की जीत के लिए बेकरार हैं और साथ ही वो 1992 से तुलना करना भी नहीं भूल रहे हैं.
न्यूज़ीलैंड के पास बैलेंस्ड बोलिंग अटैक
न्यूज़ीलैंड के टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट दो बार टी20 और दो बार वनडे का वर्ल्ड कप फ़ाइनल खेल चुके हैं लेकिन ट्रॉफ़ी अभी तक उनके पहुंच से बाहर रही है. दोनों ही पेसर्स इस तथ्य को ऑस्ट्रेलिया में बदलना चाहेंगे और इसके लिए बोलिंग में उनका योगदान अहम हो जाता है.
दोनों की ख़ासियत यह है कि वे सिर्फ़ तेज़ी पर भरोसा नहीं करते. इस वर्ल्ड कप में हमने देखा है कि ऑफ़ पेस, यानी अलग तरीके से स्लो गेंद डालकर भी बोलर्स को सफलता मिल रही है.
बोल्ट और साउदी इस कला में माहिर हैं. इनके अलावा न्यूज़ीलैंड के पास लॉकी फर्ग्युसन और जिमी नीशम जैसे तेज़ गेंदबाज़ भी हैं.
हालांकि फ़र्ग्युसन इस वर्ल्ड कप में अभी तक छाप नहीं छोड़ पाए हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उनका रिक़ॉर्ड अच्छा है और वो पाकिस्तानी टीम को पेस के बदले पेस का तोहफ़ा दे सकते हैं. वही नीशम एक शानदार चौथे सीमर के अलावा एक्सप्लोसिव नंबर 7 बल्लेबाज़ भी हैं.
पेसर्स के अलावा मिडिल ओवर्स में भी विकेट लेना टी20 में बेहद अहम है. न्यूज़ीलैंड के पास मिचेल सैंटनर और ईश सोढी जैसे दो शानदार स्पिनर्स है जो ना सिर्फ रन रोक रहे हैं बल्कि ज़रूरी विकेट्स भी ले रहे हैं.
सेमीफ़ाइनल सिडनी में खेला जाएगा जहां स्पिनर्स को मदद मिलती है ऐसे में सैंटनर और सोढी कैसी बोलिंग करेंगे उसका मैच पर बहुत असर पड़ेगा.
आक्रामक बल्लेबाज़ों की फ़ेहरिस्त
न्यूज़ीलैंड की बैटिंग की पहचान उनकी आक्रामकता है. कप्तान केन विलियम्सन को छोड़कर सभी बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 130 के आसपास या उससे ऊपर ही है. विलियम्सन पिछले मैच के पहले 100 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे लेकिन टीम में उनका रोल एक एंकर का है जिसे वो बखूबी निभा रहे हैं.
पाकिस्तान के सेमीफ़ाइनल में आक्रामक कीवी ओपनर फ़िन एलन और शाहीन शाह अफ़रीदी की टक्कर देखने लायक होगी. जहां अफ़रीदी ने बांग्लादेश के विरुद्ध 4 विकेट लेकर खतरे की घंटी बजा दी है वहीं ओपनर्स में सबसे बढ़िया स्ट्राइक रेट रखने वाले फ़िन अगर चल पड़े तो अफ़रीदी के छक्के छुड़ा सकते हैं.
एलन और कॉन्वे के अलावा ग्लेन फ़िलिप्स ने कीवी बैटिंग का भार अपने कंधे पर उठाया हुआ है. इस वर्ल्ड कप में वो एक शानदार सेंचुरी भी लगा चुके हैं.
कप्तान बाबर का फॉर्म बड़ी प्रॉब्लम
पाकिस्तान की बैटिंग इस वर्ल्ड कप में कप्तान बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान पर निर्भर थी. लेकिन दोनों ने जल्दी आउट होकर अपने फ़ैन्स को निराश किया है. खासकर बाबर आजम ने पांच पारियों में सिर्फ एक बार 10 का आंकड़ा पार किया है.
इसके अलावा दोनों टीम के रनरेट को भी नीचे खींच ला रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ दोनों ने 50 रनों की साझेदारी की लेकिन दस ओवर में दोनों मिलकर 60 रन भी नहीं बना पाए.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जैसे वसीम अकरम और शाहिद अफ़्रीदी आवाज़ उठा रहे हैं कि बाबर को ओपनिंग छोड़कर मिडिल ऑर्डर में खेलना चाहिए और वहां तेज़ी से स्कोर करना चाहिए.
उनका कहना कि पाकिस्तान मोहम्मद हारिस के साथ ओपनिंग करा सकता है जिन्होंने पिछले दो मैचों में ताबड़तोड़ रन बनाए हैं.
मिडिल ऑर्डर में हारिस के अलावा शान मसूद, शादाब खान और इफ़्तिख़ार ने भी जिम्मेदारी भरी पारियां खेली हैं.
लेकिन पाकिस्तानी बैटिंग के लिए राह आसान नहीं है क्योंकि न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ पिच की तेजी का फायदा उठाएंगे और डेक को हार्ड हिट करके बैटर्स की बॉडी पर निशाना लगाने की कोशिश करेंगे. तरकीब होगी की पेस बोलिंग से पाकिस्तान को परेशान कर दिया जाए.
किस तरह पाकिस्तानी बल्लेबाज़ किवी अटैक का सामना करते हैं वो मैच का रुख तय कर सकता है.
शादाब है तुरुप का पत्ता
हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान की ताकत उनकी पेस बोलिंग में हैं. हारिस रउफ़ ऑस्ट्रेलिया के बीबीएल लीग में खेलते हैं और उन्होंने उस अनुभव का पूरा फायदा इस वर्ल्ड कप में यहां कि पिचों पर उठाया है. युवा मोहम्मद वसीम और नसीम शाह भी इंप्रेसिव बोलिंग कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान ने राहत की सांस शाहीन शाह की बांग्लादेश के खिलाफ बोलिंग देखकर ली होगी.
शाहीन शाह चोट के बाद वर्ल्ड कप में वापसी कर रहे थे और पहले कुछ मैचों में उनमें वो धार नहीं दिखाई दे रही थी जो उन्हें दुनिया का बेहतरीन पेस बोलर बनाती है. लेकिन बांग्ला टाइगर्स के विरुद्ध 4 विकेट लेकर उन्हें दिखा दिया कि वो टॉप फॉर्म में वापस लौट चुके हैं.
हालांकि पाकिस्तान की बोलिंग की एक धुरी लेग स्पिनर शादाब खान के हाथों में होगी.
न्यूज़ीलैंड के मिडिल ऑर्डर में विलियम्सन और डैरिल मिचेल इस वर्ल्ड कप में लेग स्पिनर के ख़िलाफ़ स्ट्रगल करते नज़र आए हैं, देखना रोचक होगा कि वो शादाब खान को किस तरह खेलते हैं.
शादाब ने पाकिस्तान को इस बर्ल्ड कप में भी कई बार ब्रेकथ्रू दिलवाई है और यही उम्मीद उनसे एक बार फिर होगी.
टॉस होगा अहम
2022 टी20 विश्व कप का ये पहला सेमीफाइनल सिडनी में खेला जाएगा जहां अब तक खेले गए 6 मैचों में 5 बार पहले बैटिंग करने वाली टीम जीती है.
यानी इस मुकाबले में टॉस अहम होगा. मौसम की बात करें तो हल्की बारिश की आशंका है लेकिन मैच के प्रभावित होने की उम्मीद कम ही है.
पाकिस्तान को एक बार फिर करिश्माई जीत की ज़रूरत है ताकि वो 1992 के जादू को दोहरा सकें. बाबर आज़म के खराब फ़ॉर्म को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के बैटिंग कोच मैथ्यू हेडन कहते हैं कि वो जल्दी ही बड़े रन बनाएंगे.
उनका कहना है, “ये तूफ़ान से पहले की शांति है, दुनियावालों इस आने वाले तूफ़ान से बचकर रहना.” डच ट्रीट से सेमीफ़ाइनल तक पहुंचने वाले पाकिस्तान को क्या किवी भी आसान सी ट्रीट देंगे या फिर उनको मुंहतोड़ जवाब देंगे?
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड को एक और क्लासिक का इंतज़ार है.
-एजेंसी
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