कहते है सपने देखते रहो, पूरा होना तो नसीब का खेल है। ऐसा मानना है गाजियाबाद के सूरज उपाध्याय का, जिन्होंने काफी कम उम्र से ही संघर्ष करना शुरू कर दिया है। आज वे म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाने एक लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे बेहद रियाज भी करते हैं। इस इंडस्ट्री में अपना करियर को मजबूत बनाने के लिए दिन रात एक कर सूरज लगे रहते हैं। उन्हें अपनी मेहनत पर भरोसा है और वे इसी भरोसे के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
12 अगस्त 1999 में यूपी के सुल्तानपुर में जन्मे सूरज उपाध्याय ने गाजियाबाद में अपने करियर से जुड़ी चीज़ो पर काम करना शुरू किया। म्यूजिक में दिलस्चपी बचपन से होने की वजह से सूरज ने यूट्यूब के वीडियोज देखकर ही सीखना शुरू कर दिया। आज वे कई तरह के म्यूजिक को वे बना रहे है। सूरज न सिर्फ म्यूजिक को लेकर एक्टिव रहते हैं, बल्कि सोशल वर्क से भी जुड़े रहते है। कोरोना काल के दौरान भी सूरज और उनकी टीम ने लोगो की मदद की। साथ ही नेचर के लवर भी है, और जानवरो से प्रेम भी है।
म्यूजिक इंडस्ट्री में सोनू निगम, राहत फ़तेह अली और मोहम्मद रफ़ी, को अपना आयडल मानते है। लेकिन हर किसी से सिखने चाहत उनके दिल में है। वही सूरज से एक्टिंग के बारे में जब पूछा गया तब उन्होंने यह भी बताया की उन्हें अगर कोई अच्छा मौका मिला तो वे जरूर अभिनय करेंगे। लेकिन नवाज्जुदीन सिद्दीकी , मनोज वाजपेयी और पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने की इच्छा है। बेहद ही छोटी सी उम्र में कड़ी मेहनत कर रहे सूरज ने लोगो से यही अपील किया है की वे कभी भी उम्मीद न छोड़े, सफलता पाना है तो संघर्ष करना भी जरुरी है।
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