आनंद मोहन की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही पूर्व सांसद आनंद मोहन को भी नोटिस दिया गया है। दिवंगत आईएएस जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया।
दरअसल, आईएएस अफसर जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन की रिहाई के फैसले का उमा देवी ने विरोध किया था। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार के जेल मैनुअल में बदलाव किए जाने पर भी सवाल खड़े किए थे।
जी. कृष्णैया की पत्नी की याचिका पर नोटिस
जी. कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका को लेकर कहा था कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। बीते 10 अप्रैल को ही नीतीश कुमार सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव किया था। जिसके बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हुआ। 26 अप्रैल को पूर्व सांसद जेल से रिहा भी हो गए। इसी के बाद उमा देवी सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई जिसमें आनंद मोहन और नीतीश सरकार को नोटिस जारी किया गया।
आनंद मोहन की रिहाई खिलाफ SC में सुनवाई
हालांकि, आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ विपक्षी पार्टी बीजेपी समेत कई पार्टियों ने सवाल खड़े किए थे। आनंद मोहन की जेल से रिहाई के बाद भी उनकी मुश्किलें थमती नहीं दिख रही। बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया। पटना हाईकोर्ट में भी इस पर पीआईएल दायर की गई।
क्या फिर जेल जाएंगे आनंद मोहन?
दिवंगत आईएएस जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमारे साथ न्याय जरूर करेगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस देकर बिहार सरकार से फैसले को लेकर सवाल किया गया है।
Compiled: up18 News