सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में हुए उत्तरी दिल्ली के दंगों को लेकर तत्कालीन आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। साल 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब भारत के दौरे पर थे उसी दौरान दिल्ली दंगों को लेकर हिंसा भड़की थी।
सोमवार (14 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के मामले में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जस्टिस अजय रस्तोगी और सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, “इस स्तर पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है जब मामला हाईकोर्ट में चल रहा हो।”
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही से किया इंकार
इसके पहले हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को हुसैन के खिलाफ पूर्वोत्तर दिल्ली में 2020 के दंगों में शामिल होने से संबंधित तीन एफआईआर के संबंध में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। अगले सप्ताह दायर इसी तरह की याचिकाओं को लेकर हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बचाव पक्ष के वकील को अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया और 25 जनवरी 2023 को अन्य याचिकाओं के साथ मामले पर सुनवाई का निर्देश दिया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामलों का दिल्ली दंगे से कनेक्शन: सुप्रीम कोर्ट
सोमवार को याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट मामले को ज्यादा तेजी से हल कर सकता है तो इसके जवाब में पीठ ने जवाब दिया नहीं, धन्यवाद। एक अलग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने इस महीने की शुरुआत में धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस का भी ऑब्जर्वेशन किया कि ताहिर के इस मनी लॉन्ड्रिंग केस का लिंक साल 2020 में हुए उत्तरपूर्व दिल्ली में हुए दंगों से लिंक हैं।
-एजेंसी
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