सुप्रीम कोर्ट का आदेश: ताज महल से 500 मीटर के दायरे में विकास प्राधिकरण तुरंत रोके व्यावसायिक गतिविधियाँ

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सुप्रीम कोर्ट ने उस आवेदन को आज मंजूरी दे दिया है जिसमे 17वीं शताब्दी के स्मारक (ताजमहल) की 500 मीटर की दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संबंधित अथॉरिटी को निर्देश देने की मांग की गई थी। आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को अपने निर्देश का अनुपालन करने के लिए कहा है।

कोर्ट ने कहा हम आगरा विकास प्राधिकरण को स्मारक ताजमहल की सीमा या दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते है। इससे पहले आगरा में ताजमहल के आसपास निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ताज संरक्षित क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर लगी रोक हटा दी थी। कोर्ट ने ताजमहल के आसपास बुनियादी सुविधाओं, प्रदूषण न फैलाने वाली गतिविधियों की इजाजत दी थी, लेकिन कहा है कि इन सबके लिए सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से इजाजत लेनी जरूरी होगी।

हवाई यातायात में वृद्धि और ताजमहल पर इसके संभावित प्रभाव पर एक निर्णायक अध्ययन के लंबित रहते समय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को आगरा के हवाई क्षेत्र से अतिरिक्त विमान सेवा शुरू करने पर भी रोक लगाई थी।

बिरादरी ही बनी दुश्मन

पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन ने ताजमहल के 500 मीटर की परिधि में व्यवसायिक गतिविधियों पर रोकलगाने के लिए एडीए को निर्देश देने के लिए लगाई थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका।

वरिष्ठ अधिवक्ता ए डी एन राव ने कहा शीर्ष अदालत ने मई 2000 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया था. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता एमसी ढींगरा ने कहा कि ताजमहल स्मारक के पश्चिमी गेट के पास अवैध व्यावसायिक गतिविधियां फल-फूल रही हैं. इससे सर्वोच्च अदालत के पुराने आदेश का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एडीए को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका पर दिए गए आदेश से ताजगंज पर संकट खड़ा हो गया है। ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में हैंडीक्राफ्ट शोरूम, दुकानें व होटल बड़ी संख्या में हैं। यहां व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाए जाने से हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी और वे बेरोजगार हो जाएंगे