सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंतरिम जमानत की अवधि एक बार फिर से बढ़ा दी है.
गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने प्रवर्तन निदेशालय की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जमानत की अवधि बढ़ाए जाने की नवाब मलिक की याचिका पर उन्हें कोई एतराज नहीं है.
इसके बाद जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने गुरुवार को नवाब मलिक की मेडिकल बेल की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाने का फ़ैसला सुनाया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पिछले साल 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाई थी.
दरअसल, इस केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 13 जुलाई 2023 के अपने फ़ैसले में नवाब मलिक को मेडिकल आधार पर ज़मानत देने से इंकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं और पिछले साल 11 अगस्त को दो महीने के लिए मिली ज़मानत के बाद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है.
प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी 2022 में उन्हें गिरफ़्तार किया था. नवाब मलिक पर गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उनके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित रूप से जुड़े होने का आरोप है.
-एजेंसी
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