गुरू पूर्णिमा पर आज दिखाई देगा सुपरमून, साल की सबसे बड़ी खगोलीय घटना

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गुरू पूर्णिमा पर आज सुपरमून का दीदार होगा। अगर आप पिछली बार सुपर मून देखने से चूक गए हैं तो आज आपको यह मौका मिला है। आज चंद्रमा की कक्षा उसे पृथ्वी के सामान्य से अधिक करीब लाएगी। इस खगोलीय घटना को सुपरमून कहा जाता है। यह एक खगोलीय घटना है, जिसके दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है। इस दौरान यदि मौसम साफ हो तो चंद्रमा अधिक चमकीला और बड़ा दिखाई दे सकता है।

ज्योतिषों के अनुसार गुरू पूर्णिमा के मौके पर रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के विशेष योग इस बार गुरू पूर्णिमा को खास बना रहे हैं। वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार यह साल की सबसे बड़ी खगोलीय घटना है।

आज दिखेगा बक मून

बुधवार की पूर्णिमा को ‘बक मून’ नाम दिया गया है। ऐसा साल के उस समय के संदर्भ में किया गया है, जब हिरण के नए सींग उगते हैं। 14 जून को दिखे सुपरमून को ‘स्ट्रॉबेरी मून’ नाम दिया गया था क्योंकि यह पूर्णिमा स्ट्रॉबेरी की फसल के समय पड़ी थी। इसे 13 जुलाई की रात 12 बजकर 07 मिनट पर देखा जा सकता है। इसके बाद यह तीन जुलाई 2023 को दिखेगा। सुपरमून के कुछ घंटों बाद फुल मून नजर आएगा, जिसे दो से तीन दिन तक देख सकते हैं।

दरअसल, यह फुलमून नहीं होगा लेकिन चांद के आकार की वजह से उसी तरह नजर आएगा। इसके अलावा इस दौरान परछाई की स्ट्रिप चांद पर बहुत पतली दिखाई देगी। चांद में बदलाव काफी धीरे होगा, जिसकी वजह से फुलमून की ही तरह नजर आएगा। खुली आंखों से इस प्रक्रिया को देखना थोड़ा कठिन है।

कब दिखेगा सुपरमून?

आज चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी बेहद कम हो जाएगी। बुधवार शाम ढलने के बाद रात 9:44 बजे EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 7:14 बजे) फुलमून दिखाई देगा।

किसे कहते हैं सुपरमून

सुपरमून का मतलब है कि चंद्रमा अपने आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा तीन दिनों तक अर्थात बुधवार से लेकर शुक्रवार तक पूरा दिखाई देगा। हालांकि यह असल फूलमून नहीं होगा लेकिन बड़े आकार के कारण यह पूरा दिखाई देगा। इस दौरान चांद अधिक चमकदार और गुलाबी नजर आएगा। सुपरमून की वजह से समुद्र में ज्वार बड़ी संख्या में देखे जाएंगे

कहां से आया सुपरमून शब्द?

सुपरमून शब्द की शुरुआत साल 1979 में हुई। ज्योतिषी रिचर्ड नोले ने इस शब्द को चलन में लाया था। जब चंद्रमा धरती के निकटतम 90 फीसदी के दायरे में आता है, तो इस खगोलीय घटना को सुपरमून कहते हैं। सुपरमून को ‘बक मून’ के नाम से भी जानते हैं। इसके साथ दुनिया भर में इसको अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

साल में कितने सुपरमून?

चांद जब धरती के पास आ जाता है तो उसे परीजी (Perigee) कहते हैं और जब चंद्रमा धरती से दूर जाता है, तो उसे अपोजी (Apogee) कहते हैं। हर साल तीन से चार सुपरमून देखने को मिलते हैं। सुपर मून और पूर्णिमा एक साथ जल्दी नहीं आती है। अब अगला सबसे बड़ा सुपरमून 3 जुलाई 2023 में दिखाई देगा।

-एजेंसी


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